आईपीओ से एक साल में जुटाए 1.11 लाख करोड़ रुपये, पेटीएम और जोमैटो ने निवेशकों को किया कंगाल
नई दिल्ली।
कोरोना संकट की चुनौतियों से जूझ रही अर्थव्यवस्था के बीच शेयर बाजार में आईपीओ को लेकर कंपनियों का उत्साह घटने की बजाय और बढ़ गया है। चालू वित्त वर्ष में 52 कंपनियां अपना आईपीओ पेश कर चुकी हैं। इससे रिकॉर्ड 1.11 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई जा चुकी है। वहीं आईपीओ को लेकर खुदरा निवेशकों का उत्साह भी चरम पर है। पिछले तीन साल में आईपीओ में खुदरा निवेशकों की भागीदारी दो गुना से अधिक बढ़ी है।
पेटीएम और जोमैटो के आईपीओ ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया
हालांकि, इस अवधि में आए पेटीएम और जोमैटो के आईपीओ ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया है। पेटीएम का शेयर सूचीबद्ध भाव से करीब 75 फीसदी नीचे पहुंच गया है,लेकिन कुल आए आईपीओ में करीब 60 फीसदी कंपनियों ने निवेशकों को अब तक 10 फीसदी का रिटर्न दिया है। यही वजह है कि खुदरा निवेशक आईपीओ में बड़े निवेशकों से होड़ लेते दिख रहे हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में बाजार नियामक सेबी के 137 आईपीओ के लिए आवेदन दिए गए, जिनमें 52 को मंजूरी मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद जिस तरह चालू वित्त वर्ष में निवेशकों और कंपनियों ने उत्साह दिखाया है वह अगले वित्त वर्ष में देखने को मिल सकता है।
आईपीओ में स्टार्टअप का बढ़ रहा दबदाब
आईपीओ लाने और उससे राशि जुटाने में नए जमाने की कंपनियां यानी स्टार्टअप दिग्गजों से आगे निकलते दिख रहे हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में स्टार्टअप ने आईपीओ से 38,734 करोड़ रुपये का राशि जुटाई है। इसके अलावा आईपीओ से जुटाई जाने वाली राशि भी बढ़कर औसतन 2143 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है।
छोटे निवेशकों की भागीदारी दोगुना बढ़ी
आईपीओ में छोटे यानी खुदरा निवेशक जमकर पैसा लगा रहे हैं। प्रति आईपीओ खुदरा निवेशकों की संख्या बढ़कर 14.05 लाख पहुंच गई है। जबकि वर्ष 2020-21 में यह 12.73 लाख थी। वहीं 2019-20 में 6.88 लाख थी। इस तरह महज तीन साल में खुदरा निवेशकों की भागीदारी आईपीओ में तीन गुना बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है बाजार नियामक सेबी ने शेयरों में निवेश को आसान बनाने के लिए कई तरह के सुधार किए हैं। इसका असर खुदरा निवेशकों की भागीदारी में स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
रिटर्न में आपीओ ने निराश नहीं किया
चालू वित्त वर्ष में आए 52 आईपीओ में से 30 से 10 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। इससे खुदरा निवेशकों का उत्साह जोर पर है। कुल आए आईपीओ में से 29 को 10 गुना से अधिक बोली (अभिदान) मिली। यानी जितनी राशि के लिए आईपीओ पेश किया गया था निवेशकों ने उससे 10 गुना अधिक पैसा लगाने की बोली लगाई। इसमें से पांच आईपीओ को 100 गुना बोलिया मिलीं। जबकि आठ आईपीओ को तीन गुना से अधिक बोलिया मिलीं। खुदरा निवेशकों के उत्साह को देखते हुए कई कंपनियों ने खुदरा निवेशकों के ज्यादा शेयर निर्धारित किए।
विदेशी निवेशक भी मेहरबान
आंकड़ों के मुताबिक कुल 52 आईपीओ में बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी 39 फीसदी रही। हालांकि, निवेश के पैमाने पर उनके निवेश का मूल्य 25 फीसदी रहा। वहीं म्यूचुअल फंड कंपनियों ने आईपीओ में 11 फीसदी राशि लगाई। वहीं प्रर्वतक समूह द्वारा 33,258 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है जो कुल आईपीओ आकार का 30 फीसदी है। चालू वित्त वर्ष में आए आईपीओ में ऐसा पहली बार दिखा है कि छोटे निवेशकों से लेकर बड़े और संस्थागत निवेशकों ने भी बाजार पर भरोसा दिखाया।