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कोरोना काल में आधी हुई बैंकों से जुड़ी वित्तीय धोखाधड़ी, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फ्रॉड

नई दिल्ली।

कोरोना महामारी के दौरान वित्तवर्ष 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में वित्तीय धोखाधड़ी में फंसी रकम का आंकड़ा आधा हो गया है। वहीं, चालू वित्त वर्ष में अब तक यानि शुरुआती तीन तिमाहियों में केवल साढ़े छह सौ करोड़ रुपये की रकम ही फ्रॉड से जुड़ी है। पिछले सात सालों की बात की जाए तो एक अप्रैल 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2021 तक 2.62 लाख करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखधड़ी हुई है।

वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवा विभाग के आकंड़ों के मुताबिक, वित्तवर्ष 2019-20 में करीब 27,500 करोड़ रुपये के वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े मामले सामने आए जो पिछले यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 में घटकर 11,583 करोड़ रुपये पर आ गए हैं। वहीं, इस साल अब तक ये हजार करोड़ रुपये के आंकड़े पर भी नहीं पहुंचे हैं। ये वो दौर था जब देश मे कोरोना महामारी से जुड़े मामले चरम पर थे।

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फ्रॉड
आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में वित्तवर्ष 2015-16 के बाद से अब तक यानी दिसंबर 2021 के दौरान 1,25,508 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी हुई है। वहीं, दिल्ली में इस दौरान 51,029 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश में 7,493 करोड़ रुपये, हरियाणा में 3,181 करोड़ रुपए, बिहार में 397, झारखंड में 229 करोड़ रुपये और उत्तराखंड में करीब 32 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े मामले सामने आए हैं। सरकार के मुताबिक, इन धोखाधड़ियों के सामने आने के बाद बैंकों की तरफ से सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों में शिकायत दर्ज कराई जाती है, जिसके बाद ऐक्शन भी देखने को मिलता है।

7.34 लाख करोड़ के एनपीए की वसूली
भारतीय रिजर्व बैंक के आकंड़ों के मुताबिक, पिछले छह सालों और चालू वित्तवर्ष की पहली छमाही के दौरान बैंकों की तरफ से 7.34 लाख करोड़ रुपये के एनपीए की वसूली हुई है। वसूली गई इस रकम में बैंकिंग धोखाधड़ी से जुड़ी राशि का हिस्सा भी शामिल है।

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