सरकार बेच सकती है रेल मंत्रालय की यह कंपनी, इसी महीने होगी प्रक्रिया शुरू
नई दिल्ली
केन्द्र सरकार जल्द से जल्द विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करना चाह रही है। सरकार चालू वित्त वर्ष में एक और सरकारी कंपनी से अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही भारतीय रेलवे के लैंड लाइसेंस शुल्क को कम कर सकती है। बिजनेस टुडे टीवी की एक खबर के मुताबिक, सरकार इसे घटा कर 6 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करने के वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस कदम से राज्य द्वारा संचालित कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी कॉनकोर (Concor) के प्राइवेटाइजेशन की सुविधा में मदद मिलेगी।
इस महीने के अंत का मिल सकती है मंजूरी
2021 में रेल मंत्रालय ने लैंड लीज पाॅलिसी पर एक ड्राफ्ट नोट नोटिफाई किया था, जिसमें भूमि लाइसेंस शुल्क में 2 प्रतिशत की कमी का सुझाव दिया गया था। सूत्रों ने मुताबिक, "वित्त मंत्रालय ने पिछले साल इसे मंजूरी दी थी। अब इस महीने के अंत में कैबिनेट की मंजूरी की उम्मीद की जा रही है।"
बता दें कि अप्रैल 2020 में रेलवे ने अपनी भूमि के औद्योगिक उपयोग के लिए भूमि लाइसेंस शुल्क व्यवस्था को अधिसूचित किया था और इसे कॉनकोर तक बढ़ा दिया था। तब तक, कॉनकोर ट्रांसपोर्टर को प्रति-कंटेनर (20-फीट समकक्ष यूनिट कंटेनर) के आधार पर भूमि पट्टे के किराये का भुगतान कर रहा था, जिसमें कम खर्च होता था। लाइसेंस शुल्क भारतीय रेलवे द्वारा राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के स्वामित्व वाली भूमि के उपयोग के लिए लगाया जाने वाला वार्षिक शुल्क है।
सरकार की 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश को मंजूरी
नवंबर 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ-साथ कंपनी में सरकार की 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश को मंजूरी दी थी। इसके बाद, 2020 में नई भूमि लाइसेंसिंग शुल्क नीति ने कॉनकोर की लागतें बढ़ा दीं और निवेशकों के अधिग्रहण के लिए एक प्रतिकूल माहौल बना दिया।