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IIT के प्लेसमेंट कंपनियां युवाओं पर कर रही हैं जमकर निवेश, इन्हें मिला रिकाॅर्ड सैलरी का ऑफर

नई दिल्ली

कोरोना ने अर्थव्यवस्था को भले ही तेज शुरुआती झटका दिया है लेकिन इसकी वजह से कारोबार में डिजिटल को बढ़ावा मिलने से इंजीनियरिंग के छात्रों को ज्यादा ऊंचा वेतन पाने का अवसर भी दिया है। देश के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आआईआईटी) में प्लेसमेंट का पहला चरण पिछले हफ्ते समाप्त हुआ जिसमें अधिकांश आईआईटी ने पिछले साल की तुलना में इस साल नौकरी के प्रस्तावों में 45 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की है। जबकि 2.05 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड वेतन भी मिला है।

वेतन में आईआईटी बॉम्बे आगे

आईआईटी बॉम्बे में प्लेसमेंट केपहले चरण में 1,723 नौकरियों की पेशकश की गई। यह पिछले साल किए गए 1,128 नौकरियों के प्रस्तावों की तुलना में लगभग 42 फीसदी अधिक है और 2019 में प्राप्त नौकरी प्रस्तावों की तुलना में लगभग 26.5 अधिक है। यह आईआईटी बॉम्बे में प्लेसमेंट के पहले चरण में ऑफर का रिकॉर्ड है। यहां के एक छात्र को दी जाने वाली अंतरराष्ट्रीय पद के लिए उच्चतम वेतन 2.87 लाख डॉलर (लगभग 2.05 करोड़ रुपये) है, जबकि घरेलू भूमिका के लिए उच्चतम पैकेज 1.68 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है।

मुख्य इंजीनियरिंग क्षेत्रों से उच्च नौकरी के प्रस्ताव आए, इसके बाद सूचना प्रौद्योगिकी और परामर्श क्षेत्रों का स्थान आया। इस साल औसत वेतन भी 25-28 लाख रुपये से ऊपर रहा। अनिष्य मदान, प्रमुख (कैरियर सेवा कार्यालय), आईआईटी दिल्ली ने कहा कि हमने पारंपरिक प्रोफाइल के अलावा नए जमाने के डोमेन जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) , बिग डेटा और क्लाउड सॉल्यूशंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स आदि में भर्ती करने वालों का स्वागत किया और इसने समग्र नौकरी की पेशकश को आगे बढ़ाया है।

आईआईटी दिल्ली में 20 फीसदी अधिक वेतन

आईआईटी दिल्ली में, स्नातक बैच को इस साल नौकरी के 1,250 प्रस्ताव मिले हैं, जो अब तक का सबसे अधिक है। इस साल कैंपस में दिए जाने वाले औसत कुल वेतन में 20 से अधिक की वृद्धि हुई है। इस चरण में प्लेसमेंट सुविधाओं का लाभ उठाने में रुचि दिखाने वाले लगभग 80 फीसदी छात्रों को अब तक भर्ती किया जा चुका है। पिछले वर्ष की तुलना में इस अवधि के दौरान परिसर द्वारा प्राप्त प्रस्तावों की संख्या में 45 फीसदी अधिक है। इसी तरह, आईआईटी रुड़की को इस साल 1,243 नौकरी के प्रस्ताव मिले, जिनमें से 1,000 नौकरी के प्रस्ताव पहले 84 घंटों में ही प्राप्त हुए।

कारोबार के डिजिटल होने का असर

विशेषज्ञों ने का कहना है कि आईआईटी के छात्रों को उच्चतम वेतन की पेशकश का मुख्य कारण व्यवसायों का डिजिटल को तेजी से अपनाना है जिससे प्रतिभाओं की मांग बढ़ी है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के एचआर हेड, टैलेंट एक्विजिशन, गिरीश नंदीमठ ने कहा कि तकनीकी प्रतिभा की वर्तमान मांग बहुत अधिक है और हमने इस तरह की मांग की गति कभी नहीं देखी है। यह ग्राहकों के साथ डिजिटल बिजनेस मॉडल को अपनाने में तेजी का असर है।

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