अर्थव्यवस्था में तेजी लाने व गरीबों की मदद के लिए एक और राहत पैकेज ला सकती है मोदी सरकार

नई दिल्ली।
कोरोना की तीसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और गरीबों की मदद के लिए केंद्र सरकार एक और राहत पैकेज ला सकती है। इसको लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। दो सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अधिकारियों के अनुसार, नए राहत पैकेज में उन कल्याणकारी और सामाजिक सुरक्षा वाली योजनाओं को बढ़ाया जा सकता है, जो आने वाले महीनों में समाप्त होने जा रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यदि कोरोना की ताजा लहर खतरनाक होती है और अर्थव्यवस्था के साथ आजीविका पर भी प्रभाव डालती है तो अधिक मजबूत प्रोत्साहन पैकेज पर विचार किया जा सकता है। इस प्रोत्साहन पैकेज पर ऐसे समय में विचार किया जा रहा है, जब हाल ही में आम बजट पेश किया गया है। एक अधिकारी का कहना है कि बजट एक वार्षिक अभ्यास होता है।
इसका मतलब यह नहीं है कि समर्थन देने वाले अतिरिक्त उपाय नहीं किए जा सकेंगे। सरकार पूरे साल मजबूत विकास के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। अधिकारी का कहना है कि वित्त वर्ष 2022 का बजट तैयार करते समय यह आम धारणा थी कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर नहीं आएगी। लेकिन यह धारणा गलत साबित हुई। इस कारण जून में प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई।
बीते दो वर्षों में उठाए कई कदम
कोरोना के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए और मांग को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई उपायों की घोषणा की है। इसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई), प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और किफायती घरों पर इंसेंटिव जैसी योजनाएं प्रमुख हैं। एक अन्य अधिकारी का कहना है कि इनमें से कुछ योजनाओं की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही मनरेगा को मिलने वाले फंड को बढ़ाया जा सकता है।
पहली लहर में घोषित की गई थी एबीआरवाई
सरकार ने पहली लहर के दौरान 2020 में एबीआरवाई की घोषणा की थी। इस योजना में सरकार ने कारोबारों में कर्मचारियों को बनाए रखने और नई नौकरियां देने में मदद की थी। योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता की ओर से दी जाने वाली कर्मचारी भविष्य निधि का भुगतान सरकार ने किया था। इससे नियोक्ताओं पर कम बोझ पड़ा था। जून 2021 में सरकार ने इस योजना में पंजीकरण की अवधि को 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया था। हाल ही में पेश किए गए बजट में 2021-2022 में इस योजना की खर्च होने वाली राशि को 3,130 करोड़ रुपए (बजट अनुमान) को बढ़ाकर 6,400 करोड़ रुपए किया है।
ये योजनाएं भी मार्च में खत्म होंगी
कोरोना काल में घोषित की गई प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल प्रति महीने वाली योजना भी इस साल मार्च में खत्म हो जाएगी। इसके अलावा मध्य आय वर्ग के लिए किफायती घर खरीदने पर दी जा रही क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना भी 31 मार्च को खत्म होने जा रही है।
कब-कब दिए गए प्रोत्साहन पैकेज
26 मार्च 2020: 1.7 लाख करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की गई।
27 मार्च 2020: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 75 आधार अंकों की कटौती की। तीन महीने का मोरेटोरियम भी दिया गया।
13-17 मई 2020: आत्मनिर्भर भारत राहत उपायों के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के उपायों की घोषणा की गई।
06 मई 2021: आरबीआई ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ की लिक्विडिटी के उपायों की घोषणा की।
04 जून 2021: आरबीआई ने गहन संपर्क वाले क्षेत्रों के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की लिक्विडिटी विंडो की घोषणा की।
28 जून 2021: कोविड के बाद दूसरे राहत पैकेज में 6.3 लाख करोड़ रुपए के उपायों की घोषणा।