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अमोल पालेकर की तबीयत बिगड़ी, पुणे के दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल में भर्ती

अभिनेता और फिल्म निर्देशक अमोल पालेकर की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है। उनकी पत्नी संध्या गोखले ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अमोल पालेकर की तबीयत को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। वो अब ठीक हो रहे हैं और पहले से उनका स्वास्थ्य काफी बेहतर है।

अमोल पालेकर की पत्नी ने कहा कि अनोल पालेकर को उनकी पुरानी बीमारी के इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। 10 साल पहले भी उन्हें इसी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, अब उनके स्वास्थ्य में पहले से काफी सुधार हुआ है।

अभिनेता अमोल पालेकर 70 और 80 के दशक में गोलमाल, घरोंदा, रंग-बिरंगी, श्रीमान श्रीमती, रजनीगंधा, चितचोर, नरम गरम, भूमिका, छोटी सी बात, सावन जैसे कई फिल्मों में अपने किरदार से लोगों में अपनी अलग पहचान बनाई है।

1971 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले अमोल पालेकर ने बॉलीवुड में करीब डेढ़ दशक तक काम किया, लेकिन उन्हें सिर्फ एक बार फिल्मफेयर अवार्ड मिला। 1980 में यह अवॉर्ड उन्हें 'गोल माल' के लिए दिया गया था। रजनीगंधा (1974), घरौंदा (1976), छोटी सी बात (1975), गोल माल (1979) उनके करियर की बेहतरीन फिल्में रहीं। इनमें से 'छोटी सी बात' लो बजट फिल्म थी, जिसकी सफलता ने उस समय में बॉलीवुड में हलचल मचा दी थी।

अमोल पालेकर सिचुवेशनल कॉमेडी के लिए मशहूर थे। 'गोल माल' में डबल रोल में वे खूब जमे। 'रंग बिरंगी', 'श्रीमान श्रीमती' और 'नरम गरम' जैसी फिल्मों से उन्होंने दर्शकों को खूब हंसाया।

बने शाहरुख के डायरेक्टर
एक निर्देशक के रूप में उन्होंने कई फिल्मों को डायरेक्ट करने के साथ कुछ सीरियल्स का भी निर्देशन किया। अमोल ने साल 1981 में मराठी फिल्म 'आक्रित' से डायरेक्शन में कदम रखा। उनकी लास्ट डायरेक्टेड फिल्म 'पहेली' रही। शाहरुख खान और रानी मुखर्जी स्टारर यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाई। हालांकि, 'पहेली' को ऑस्कर के लिए बेस्ट फॉरेन लैंगुएज फिल्म कैटेगरी में इंडियन एंट्री डिक्लेयर किया गया था, लेकिन फिल्म यह अवार्ड नहीं जीत पाई।

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