मूड ठीक करने और गुस्सा शांत करने में भी कारगर है आइसक्रीम

गर्मी का मौसम हो या ठंड की शाम आइसक्रीम के शौकीन लोगों के लिए यह किसी भी समय खाई जा सकती है। आइसक्रीम खाना जितना मजेदार होता है, उतने ही बेहतरीन फायदे भी मिल जाएं तो बेशक यह सोने पर सुहागे वाली बात होगी।
जब आप आइसक्रीम खाते हैं, तो काफी रिफ्रेश यानि ताजातरीन महसूस करते हैं। तो जब भी थकाऊ या बोझिल महौल से निकलना चाहें, आइसक्रीम खाइए। आसइक्रीम आपको ऊर्जा देती है और जब यह पूरी तरह से दूध, शकर और मेवों से बनी होती है, तो यह आपके शरीर में कई पोषक तत्वों की आपूर्ति करती है जैसे विटामिन ए, बी, सी, डी, मिनरल्स आदि। यह आपको अनावश्यक तनाव से दूर करती है और खुशी का संचार करने में मददगार है। बिगड़े हुए मूड को ठीक करने और गुस्सा शांत करने के लिए तो यह बेहतरीन उपाय है। कैल्शियम से भरपूर होने के कारण यह न केवल आपकी हड्डडियों के लिए लाभकारी होती है, बल्कि कोलोन कैंसर से बचाने में भी सहायक होती है। मुंह में अगर छाले हो गए हैं, तो आइसक्रीम खाइए और छालों के दर्द व जलन से बचिए, क्योंकि आइसक्रीम ठंडक के साथ छालों को सुन्न कर देगी और आप शांति महसूस करेंगे।
डायबिटीज के मरीजों को दिक्कत हो सकती है गन्ने के जूस से
गर्मी का मौसम दस्तक दे चुका है। गर्मी से राहत के लिए अलग-अलग तरह के पेय का सेवन करते हैं ताकि गर्मी के प्रकोप से बच सकें। वहीं गर्मी के दिनों में गन्ने के जूस का सबसे अधिक सेवन किया जाता है। इसके सेवन करते ही गर्मी की थकान दूर हो जाती है। एकदम रिफ्रेशमेंट जैसा महसूस होता है। वहीं इसका सेवन करने से लीवर, ब्लड प्रेशर और इम्यून सिस्टम तीनों के लिए ही फायदेमंद होता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं। जिससे हड्डियां भी मजबूत होती है। यह प्राकृतिक रूप से मीठा होता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज के मरीज इसे पी सकते हैं? गन्ने के रस में भले ही प्राकृतिक शुगर होती है लेकिन शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। जिसके चलते डायबिटीज के मरीजों को दिक्कत हो सकती है। दरअसल, गन्ने का रस बिना किसी तरह से रिफाइंड करके निकाला जाता है। इसलिए हाई शुगर भी बहुत ज्यादा होती है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को गन्ने के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। गन्ने के रस में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है और अधिक मात्रा में ग्लाइसेमिक लोड होता है। इसका मतलब है कि यह आपके ब्लड शुगर लेवल को इफेक्ट करता है।