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92 साल की उम्र में मराठी लावणी सिंगर सुलोचना चव्हाण ने दुनिया को कहा अलविदा…

मराठी फिल्म इंडस्ट्री से एक दुख भरी खबर सामने आ रही है। प्रसिद्ध मराठी लावणी सिंगर सुलोचना चव्हाण का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण आज यानी 10 दिसंबर को मुंबई में निधन हो गया। पद्मश्री विजेता सुलोचना ने 92 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। मशहूर गायिका के निधन की जानकारी उनके परिवार ने साझा की है। गायिका के निधन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक ने शोक जताया है।

सुलोचना चव्हाण के बेटे और ढोलकी वादक विजय चव्हाण ने मीडिया संस्थान को जानकारी देते हुए बताया कि गायिका ने दक्षिण मुंबई स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। 'लावणी समरदनी' यानी 'लावणी क्वीन' के रूप में जानी जाने वाली, सुलोचना चव्हाण इस पारंपरिक महाराष्ट्रीयन संगीत शैली की सबसे प्रसिद्ध गायिकाओं में से एक थीं।  उन्हें संगीत को दिए उनके योगदान के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।

मराठी सिंगर के निधन की खबर सुन सारा संगीत जगत सदमे में आ गया है। बड़े-बड़े स्टार्स उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी सुलोचना चव्हाण के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने शोक संदेश में कहा कि सुलोचना चव्हाण के निधन से लावणी, लोक कला और संगीत के क्षेत्र में एक शून्य पैदा हो गया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने भी दिवंगत गायिका को श्रद्धांजलि दी है।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सुलोचना चव्हाण को महाराष्ट्र संस्कृति विशेषकर लावणी को बढ़ावा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए हमेशा याद किया जाएगा। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आने वाली पीढ़ियां सुलोचना ताई चव्हाण को महाराष्ट्र की संस्कृति विशेष रूप से लावणी को बढ़ावा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए याद रखेंगी। उन्हें संगीत और रंगमंच का भी शौक था। उनके निधन से दुख हुआ। सुलोचना ताई के  परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।'

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