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सांची ने अपने दुग्ध उत्पादोें के दाम बढ़ाए, लेकिन किसानों की मांग पूरी नहीं की, सीहोर जिले की 432 समितियां आज से हड़ताल पर

- सीहोर जिले के दूध उत्पादक किसानों नेे की थी फेट के दाम बढ़ाने की मांग

सीहोर। भोपाल सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित (सांची) ने अपने दुग्ध उत्पादों के दाम तो बढ़ा दिए हैं, लेकिन लंबे समय से दुग्ध उत्पादक किसान भी दूध के फेट के दाम बढ़ानेे की मांग कर रहे हैैं, लेकिन उनकी मांगोें पर अब तक अमल नहीं किया गया है। इसी को लेकर अब जिले की सभी करीब 432 दुग्ध सहकारी समितियोें ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इसके चलते भोपाल सहित अन्य शहरों में दूध की सप्लाई भी प्रभावित हो सकती हैै।
भोपाल दुग्ध संघ (सांची) से करीब 2499 दुग्ध समितियां जुड़ी हुईं हैं। इन समितियों के माध्यम से प्रतिदिन सांची को 3 लाख 20 हजार लीटर दूध दिया जाता है। इनमें से सीहोर जिले की 432 समितियों से भी बड़ी मात्रा में दूध सप्लाई किया जाता है। दूध उत्पादक किसानों की मांग थी कि सांची उनको 7 रूपए फेट के हिसाब से पैसे देे। सांची द्वारा अब तक किसानों को 6.20 पैसे के हिसाब से पैसे दिए जाते रहे हैं। लेकिन किसानों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी कि फेट के पैैसे बढ़ाए जाएं। इसके बाद सांची ने 6.60 पैसे कर दिए, लेकिन किसान इस पर सहमत नहीं हैैं। किसानोें की मांग हैै कि उन्हें 7 रूपए फेट के हिसाब सेे पैैसे दिए जाएं। अब दुग्ध उत्पादक समितियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
निजी कंपनियां दे रही हैं अच्छा दाम-
जिले में कई निजी कंपनियों द्वारा दूध उत्पादक किसानों कोे अच्छा दाम दिया जा रहा है, इसलिए अब किसान इन निजी कंपनियोें को ही अपना दूध बेचेगी। जिले में सहारा, हम्मल काउ सहित कई अन्य निजी कंपनियां भी किसानों से दूध ले रही हैैं। सहकार भारती जिला सीहोर के सहकारी दुग्ध समितियों के जिलाध्यक्ष रामनारायण चौधरी ने बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भोपाल दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व महासंघ के महाप्रबंधक को भी ज्ञापन दिया गया है, लेकिन मांग के विपरीत प्रतिलीटर फेट में भोपाल दुग्ध संघ द्वारा बढ़ोतरी की गई है। पूर्व दुग्ध संघ अध्यक्ष महेंद्र पटेल ने कहा कि कई सालों से दूध के दाम बढ़ाने की मांग की जा रही है, लेकिन दुग्ध संघ भोपाल दूध के दाम में वृद्धि नहीं कर रहा है, जबकी निजी डेयरी वाले अधिक दाम उपलब्ध कराते हैं।
हो सकती है दूध सहित अन्य उत्पादों की किल्लत-
अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने से दूध सहित घी, दही, मठा, पनीर की भी किल्लत हो सकती है। दरअसल दूध उत्पादक किसानोें को खुले बाजार सहित निजी कंपनियां अच्छा दाम दे रही हैं, इसके कारण किसान अब सांची को दूध नहीं देना चाहते। इधर सांची ने भी अपने दूध के दाम बढ़ा दिए हैं। सांची ने फुल क्रीम दूध गोल्ड, स्टैंडर्ड दूध शक्ति, टोंड दूध ताजा, डबल टोंड दूध स्मार्ट पर प्रतिलीटर 4 रूपए की बढ़ोतरी की है। इसी प्रकार चाह दूध पर प्रतिलीटर 5 रूपए एवं चाय स्पेशल दूध पर प्रतिलीटर 4 रूपए की बढ़ोेतरी की गई है। हालांकि जिन दूध उपभोक्ताओें ने दिनांक 16 मार्च 2022 से 15 अप्रैल 2022 तक के कार्ड बनवा लिए हैं उन्हें दूध पुराने दाम पर ही मिलेगा, लेकिन 15 अप्रैल के बाद से उन्हें भी नई कीमतेें देकर ही दूध खरीदना पड़ेगा।
नहीं उठाया कलेक्टर ने फोन-
इस संबंध में कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर से भी चर्चा करनी चाही, लेकिन उनसे चर्चा नहीं हो सकी।
इनका कहना है-
लंबे समय सेे दूध उत्पादक समितियोें एवं किसानोें की मांग हैै कि उनके फेट के दाम 7 रूपए किए जाएं, लेकिन सांची द्वारा हमारी मांग नहीं मानी गई। दाम बढ़ाए गए हैैं, लेकिन हमारी मांग के अनुसार नहीं बढ़े हैैं। सांची द्वारा अपने दूध के दाम तो बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन हमारी मांगों की लगातार अनदेखी की जा रही है। इसके चलते जिलेभर की सभी दुग्ध समितियोें ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
– लखन सिंह पाटीदार, अध्यक्ष, दुग्ध समिति, रामपुरा कला

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