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लाखों का पैकेज छोड़ गांव के बच्चों के लिए बनाया ऐप, एक साल में कमाए 18 लाख रुपये

 प्रयागराज
 
इंजीनियरिंग की डिग्री, मल्टीनेशनल कंपनियों में ऊंचे ओहदे, लाखों का पैकेज, बेहतरीन करियर की संभावनाओं को छोड़कर फर्रूखाबाद निवासी 24 वर्षीय हिमांशु चौरसिया ग्रामीण छात्रों में तकनीकी शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। ग्रामीण छात्रों को एयरोमॉडलिंग, बेसिक इलेक्ट्रॉनिक, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि सिखाया जा रहा है।

हिमांशु ने साल 2021 में एमएनएनआईटी के बायोटेक्नोलॉजी ब्रांच से बीटेक की डिग्री हासिल की। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही ‘को ग्रेड’ नाम से स्टार्टअप शुरू किया। कोविड के दौरान स्कूल बंद हो गए तो कक्षाएं संचालित करना चुनौती थी। ऐसे में हिमांशु ने एप के माध्यम से कक्षा एक से बारहवीं तक के छात्रों के लिए डिजिटल शिक्षा का एक उम्दा प्लेटफार्म तैयार किया।

इस स्टार्टअप के जरिए वर्ष 2021 में उन्होंने 18 लाख रुपये की कमाई की। हिमांशु ने बताया कि गांव और दूरदराज के क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क कमजोर होता है और इंटरनेट की स्पीड अच्छी नहीं होती लेकिन यह एप इंटरनेट के कमजोर नेटवर्क में भी काम करने में सक्षम है। इस एप में मौजूद पाठ्य सामग्री (स्टडी मैटेरियल्स) लंबे समय तक सुरक्षित रहती है। इस स्टार्टअप से देश के 15 राज्यों से 25 हजार से ज्यादा छात्र जुड़े हैं।
 
प्रदेश के हर ब्लाक में खोलेंगे ‘को ग्रेड’ स्कूल
हिमांशु ने बताया कि प्रदेश में ‘को ग्रेड’ नाम से हर ब्लाक में एक स्कूल खोला जाएगा। जहां पर ग्रामीण छात्रों को पारंपरिक संग रोजगारपरक शिक्षा प्रदान की जाएगी। अब तक उन्होंने इटावा में चार स्कूलों का संचालन शुरू कर दिया है। इसमें 600 छात्रों को शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप की ओर से एयरोमॉडलिंग, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि सिखाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रेड स्टार्टअप की फंडिंग अमेरिका की एक कंपनी कर रही है।

 

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