लखनऊ यूनिवर्सिटी करवाएगा इंटर्नशिप, जानें क्या हैं योग्यता के नियम

नई दिल्ली
लखनऊ विश्वविद्यालय जल्द ही एक ऐसी योजना शुरू करने जा रहा है जिसके अंतर्गत छात्र पढ़ाई के साथ-साथ काम भी सीख सकेंगे। एक तरह से यह छात्रों के लिए इंटर्नशिप जैसा होगा। कर्मयोगी की तर्ज पर शुरू होने जा रही इस कर्मोदय योजना में छात्र पढ़ाई के साथ-साथ यहां के विभिन्न विभागों में 50 दिन काम करेंगे, जिसके ऐवज में उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसके आधार पर उन्हें आगे रोजगार भी मिल सकेंगे।
बता दें कि कुछ दिनों पहले लखनऊ विवि ने कर्मयोगी योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति की शुरुआत की थी। इसमें चयनित छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के अतिरिक्त रोजना दो घंटे (अधिकतम 50 दिन) काम करना होता है। एक शैक्षिक सत्र में उन्हें इसके लिए 15000 रुपए तक दिए जाते हैं। इसी क्रम में अब कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के निर्देशन में डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत कर्मोदय की शुरुआत की है।
पहले शुरू की गई कर्मयोगी छात्रवृत्ति में छात्र-छात्राओं को काम के अनुरूप भुगतान भी हो रहा था लेकिन कर्मोदय में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। यह योजना छात्र-छात्राओं को सीखने का अवसर देगी। कर्मोदय पहल का मूल उद्देश्य, एक ऐसा वातावरण तैयार करना है जिसमें छात्र-छात्राएं काम करके सीखें और अपनी क्षमताओं को विकसित करें। डीएसडब्ल्यू प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि यह एक अवैतनिक योजना है। इसमें छात्रों को वास्तविक कार्यस्थलों का अनुभव कराने, उनका कौशल बढ़ाने की पहल की जा रही है।
कौन कर सकता है आवेदन
– कर्मोदय योजना में विश्वविद्यालय के स्नातक-परास्नातक पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के सभी विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत परिवार की आय या किसी अन्य संसाधन से किसी अन्य फेलोशिप, छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले भी आवेदन कर सकेंगे।
– यह इंटर्नशिप योजना उन छात्रों की मांग पर शुरू हो रही है, जो कर्मयोगी योजना में आवेदन करने के लिए पात्र नहीं हैं।
– शर्त यह है कि पिछली परीक्षा में छात्र-छात्राओं ने न्यूनतम 60 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो और 75 फीसद उपस्थिति रही हो।