नीट में ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट आज सुना सकता है फैसला
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट आज नीट पीजी दाखिले में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के मामले पर अपना आदेश सुना सकता है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने गुरुवार को आदेश सुरक्षित रखा और सभी पक्षों से विचार-विमर्श के लिए लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा। पीठ ने कहा, ''हम दो दिन से इस मामले में सुनवाई कर रहे हैं। हमें राष्ट्रीय हित में विचार-विमर्श शुरू करना चाहिए।'' कोर्ट आज यह निर्धारित कर सकता है कि ईडब्ल्यूएस 8 लाख रुपये सालाना आय के मानदंड के आधार पर आल इंडिया कोटे की काउंसलिंग शुरू होगी या नहीं।
सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से कहा कि वह इस धारणा को समाप्त करना चाहेंगे कि बीच रास्ते में नियम में बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा, ''पहली बात तो नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जिस व्यवस्था को चुनौती दी गई है, उसे अखिल भारतीय आरक्षण को छोड़कर, 2019 से लागू किया जा चुका है।'' कुछ अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार और श्याम दीवान अदालत में पेश हुए। तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील पी विल्सन पेश हुए।
मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) की ओर से कहा गया कि काउंसलिंग जल्द से जल्द शुरू करने की जरूरत है, क्योंकि जमीनी स्तर पर जब कोविड की तीसरी लहर दरवाजे पर दस्तक दे रही है, हमें मैदान में डॉक्टरों की जरूरत है। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, यह सिर्फ डॉक्टरों की नहीं बल्कि देश की चिंता है।