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ये योजनाएं बदलेंगी युवा, उद्यमी सहित सभी की किस्मत

भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है, जो युवा, उद्यमी, महिलाओं सहित सभी की किस्मत बदल देगी। आईए जानते हैं कौन सी योजना बदलेगी आपकी किस्मत…
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना: आवेदन 15 जुलाई से
युवाओं को सीखने और कमाने की योजना मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना है। यह योजना युवाओं को अपने मनमाफिक काम सीखने का मौका देगी। काम सीखने के बाद हर महीने रूपए भी प्राप्त होंगे। युवाओं को रोजगार भी देगी और स्वरोजगार से जोड़गी। यह योजना युवाओं को सक्षम ओर स्वाभिमानी बनाएगी। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में आवेदन 15 जुलाई से प्रारंभ और प्रशिक्षण 31 अगस्त से शुरू होगा। यह योजना युवाओं को नए अवसर के साथ ही अपनी इच्छानुसार काम सीखने के साथ ही रूपये कमाने को मौका भी मिलेगा। युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक माह निर्धारित स्टाइपेड मिलेगा, जोकि का 75 प्रतिशत राज्य शासन की ओर से छात्र- प्रशिक्षणार्थी को भुगतान किया जाएगा। प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइप्रेण्ड की 25 प्रतिशत राशि छात्र-प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करना होगी। प्रतिष्ठान निर्धारित राशि से अधिक स्टाइपेण्ड देने के लिए स्वतंत्र होगा। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना युवाएं के लिए स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक बनेगी। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में 18 से लेकर 29 वर्ष तक के मध्यप्रदेश के निवासी युवा भाग ले सकेंगे। इस योजना में 12वी या आईटीआई पास अथवा उच्च शिक्षित युवा भी लाभान्वित हो सकेंगे। योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग के दौरान 5वीं से 12वीं उत्तीर्ण युवाओं को 8000, आईटीआई पास को 8500, डिप्लोमा धारी को 9000 और स्नातक अथवा उच्च शिक्षित युवाओं को 10 हजार रुपए स्टाइपेंड के रूप में प्रतिमाह दिया जाएगा। योजना में प्रशिक्षण के लिए 703 कार्य-क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इसमें विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रेवल, अस्पताल, रेलवे, आई.टी. सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठानों को जोड़ा जाएगा। ऐसे बहुत से कार्य भी निर्धारित किए गए हैं।

कक्षा 5वीं से 12वीं तक के स्कूली विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना-
कक्षा 5वीं से 12वीं तक के स्कूली विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना, स्वाभाविक रूप से बच्चों के मन में कई तरह के नवाचार, समावेशी प्रश्न और उनके समाधान उठते हैं। बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए नवाचार को समझना होगा। गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा देने के उद्देश्य से बच्चों के समग्र और सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। बच्चों में उनकी वैज्ञानिक सोच, कल्पना शक्ति एवं रचनात्मकता को व्यवहारिक रूप देने के लिए पहली बार यह पुरस्कार योजना शुरू की जा रही है। योजना बच्चों के नवाचार को अवसर और मंच प्रदान करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बच्चों के समग्र मूल्यांकन की दृष्टि से प्रश्न-पत्र निर्धारण पद्धति को बेहतर बनाने के लिए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र बनाया गया हैं। इसमें ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को प्रश्न-पत्र बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे शिक्षक बच्चों के लिए ऐसे प्रश्न-पत्र तैयार करें, जिनसे बच्चों में शिक्षा को लेकर जिज्ञासा एवं उत्साह का भाव जागृत हो एवं उनका वास्तविक मूल्यांकन हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी और अहम भूमिका शिक्षक की है। राज्य मुक्त विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड के संचालक ने बताया कि मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना अंतर्गत कक्षा 5वीं से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट नवाचारों के लिए प्रथम पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रूपए, द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 31 हजार रूपए, तृतीय पुरस्कार स्वरूप 21 हजार रूपए एवं सांत्वना पुरस्कार स्वरूप 11 हजार रूपए दिए जायेंगे। इसके अतिरिक्त बच्चों के मेंटर (शिक्षक) को बच्चों के पुरस्कार की 20ः राशि पुरस्कार स्वरूप अलग से दी जाएगी। नवाचार जमा करने संबंधी प्रक्रिया एवं आवश्यक जानकारी साझा करने के लिए ईएफए स्कूल को नोडल सेंटर बनाया गया है। छात्र अकेले अथवा समूह में अपने नवाचार जमा कर सकते हैं। नवाचार जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2023 है एवं इसका परिणाम 10 अगस्त 2023 को जारी किया जाएगा। परीक्षा के प्रश्न-पत्र 3 स्तर से गुजरते हैं। मापन, आकलन एवं मूल्यांकन। इन तीनों विधाओं को सम्मिलित करते हुए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र की स्थापना की गई है।

खेल पुरस्कार के लिए 31 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित-
खेल पुरस्कार-2023 एकलव्य, विक्रम, विश्वामित्र, स्व.श्री प्रभाष जोशी एवं लाईफ टाईम एचीवमेंट पुरस्कार के लिए ऑनलाईन आवेदन 31 जुलाई तक आमंत्रित किये जा रहे है। पुरस्कार के लिए पात्रता, पुरस्कार राशि व अन्य शर्ते विभागीय वेबसाईट पर उपलब्ध है। आवेदक विभागीय वेबसाइट पर दी गई लिंक से तथा प्लेस्टोर से खेल और युवा कल्याण के एप को डाउनलोड करके भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। खेल विभाग ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने के उपरांत आवेदन की प्रति जिस पर पंजीयन क्रमांक अंकित हो के साथ खेल प्रमाण पत्र एवं अन्य अभिलेख की छायाप्रति जिला खेल और युवा कल्याण संचालनालय टी.टी नगर स्टेडियम भोपाल में 31 जुलाई तक जमा करना अनिवार्य होगा। पुरस्कार खेल और युवा कल्याण विभाग मध्यम प्रदेश शासन के नवीन पुरस्कार नियम-2021 के अनुसार विगत 05 वर्षों 01 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 में अर्जित खेल उपलब्धियों के आधार पर प्रदान किये जायेंगे। साहसिक खेल समुद्र, जमीन एवं वायु आधारित के लिए भी विक्रम एवं एकलव्य पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किये जा रहे है।

सर्कुलर हैचरी योजना में लागत 25 लाख रूपए और हितग्राही को 50 प्रतिशत का अनुदान-
नील क्रांति योजना में मत्स्य बीज उत्पादन के लिए सर्कुलर हैचरी उच्च गुणवत्ता का मत्स्य बीज उत्पादन किया जाता है और रोजगार का लाभ भी ले सकते है। योजना में सभी वर्ग के इच्छुक व्यक्ति जो हैचरी निर्माण कर, मत्स्य बीज उत्पादन से स्वयं का रोजगार स्थापित करना चाहते हो वे जिले के मत्स्य अधिकारी और क्षेत्रीय अधिकारियों को आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। मत्स्य विभाग ने बताया कि योजना में इकाई लागत राशि रूपए 25 लाख की होती है जिसमें हितग्राही को 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। मत्स्य विभाग ने बताया कि मत्स्य बीज उत्पादन के लिए सर्कुलर हैचरी की स्थापना कर स्वयं का रोजगार प्राप्त करने के लिए हितग्राही के नाम से 2.00 हैक्टेयर से अधिक भूमि दस्तावेज के साथ आवश्यक अनुमति होना चाहिए। चयनित हितग्राही के लिए योजना निर्माण कार्य के लिए उपर्युक्त स्थल का चयन, भूमि का नक्शा एवं खसरा संबंधित सभी दस्तावेज होना आवश्यक है। हितग्राही स्वयं के व्यय से राष्ट्रीयकृत बैंकों से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकता है। विभाग ने बताया कि सहायक यंत्री, तकनीकी द्वारा भूमि का निरीक्षण उपरांत प्लान तथा स्टीमेट बनाया जाएगा, हितग्राही को संबंधित विषय का प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक होगा, निर्माण कार्य तकनीकी अमले के निर्देशन में किया जाएगा, हितग्राही को शासकीय दर से मत्स्य पालकों को मत्स्य बीज विक्रय करना होगा और हैचरी निर्माण के पश्चात हैचरी में सुधार, मरम्मत तथा प्रबंधन हितग्राही को स्वयं करना होगा। हितग्राही की प्रशिक्षण अवधि 5 दिवस की होगी।

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