आयुर्वेद की कुछ जड़ी-बूटियों की मदद से ब्लड शुगर करें कंट्रोल

मधुमेह रोग से हर उम्र के लोगों को खतरा होता है। यह दो प्रकार के होते हैं- टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज। आमतौर पर बच्चों में होने वाली इन्सुलिन की कमी को टाइप1 डायबिटीज कहते हैं। वहीं, व्यस्क व्यक्तियों में इंसुलिन की कमी या अभावपूर्ण स्थिति डायबिटीज टाइप 2 का परिणाम होता है। डायबिटीज लंबे समय तक चलने वाली मेडिकल कंडीशन है जो आपके शरीर में फूड के एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। लंबे समय तक शरीर में इंसुलिन की कमी से गंभीर बीमारी जैसे हार्ट डिजिज, अंधापन, किडनी डिजिज होने का खतरा रहता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)के अनुसार मधुमेह भारत में रफ्तार से बढ़ रहा है। अनुमानित तौर पर 20 और 70 वर्ष के आयु वर्ग के 8.7% आबादी डायबिटीज से पीड़ित है। इसका मुख्य कारण है, तेजी से हो रहा शहरीकरण, गतिहीन जीवन शैली, अस्वास्थ्यकर आहार, मोटापा और तंबाकू का उपयोग।
शुगर को जल्दी कंट्रोल कैसे करे? आयुर्वेद में मिलेगा इसका जवाब, कुछ जड़ी-बूटियों की मदद से ब्लड शुगर को कम करने और इंसुलिन के सुधार में अविश्वसनीय रूप से लाभ मिला है। ऐसे में आप भी इनका उपयोग करके डायबिटीज के लक्षणों से राहत पा सकते हैं।
डायबिटीज के लक्षण
ज्यादा प्यास लगना
बार-बार पेशाब आना
बहुत भूख लगना
अचानक से वजह घटना या बढ़ जाना
थकान
चिड़चिड़ापन
आंखों के आगे धुंधलापन
घाव का जल्दी न भरना
स्किन इंफेक्शन
ओरल इंफेक्शन्स
वजाइनल इंफेक्शन्स
गिलोय
गिलोय का दूसरा नाम गुडूची भी है। इसका तासीर गर्म होता है। स्वाद में कड़वी लगने वाले इस जड़ी बूटि इम्युनिटी, अस्थमा, सर्दी-जुकाम, एनीमिया, पीलिया समेत कई सारी बीमारियों में अमृत की तरह काम करती है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण ब्लड में शुगर की मात्रा को कम करने का काम करता है जिसके वजह से यह डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
आंवला+हल्दी
आयुर्वेद डॉक्टर बताती हैं कि आंवला और हल्दी को बराबर मात्रा में मिला कर तैयार किए गए मिश्रण को निशा अमलकी कहा जाता है। यह उच्च कोटी के एंटीडायबिटिक फॉर्मूला में से एक है। जो ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने का काम करते हैं।
त्रिकटु
यह तीन जड़ी-बूटी काली मिर्च, पिप्पली और सूखे अदरक को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह मसाले एंटीडायबिटिक गुणों से भरपूर होते हैं। साथ ही चयापचय में भी सुधार करने का काम करते हैं।
नीम
नीम एक औषधीय पेड़ होता है। इसके औषधीय गुण सांप के जहर को उतारने से लेकर डायबिटीज समेंत कई तरह के रोगों में फायदेमंद होता है। नीम में एंटी-हाइपरग्लिसेमिक गुण मौजूद होता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने मददगार साबित होता है। नीम के अलावा मधुनाधिनी / गुडमार कुछ ऐसे कड़वे औषधी हैं जो शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं।
त्रिफला
त्रिफला तीन फल या जड़ी-बूटियों को समान मात्रा में मिलाकर तैयार किया जाता है। यह आंवला, बहेड़ा और हरड़ को मिश्रण होता है। यह वजन घटाने से लेकर डायबिटीज तक कई तरह की बीमारियों में सहायक होता है। इसके अलावा त्रिफला, मंजिष्ठा और गोक्षुरा लीवर और किडनी के लिए भी अद्भुत डिटॉक्सिंग जड़ी बूटी हैं।