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प्रेग्नेंसी में डॉक्टर की सलाह के बिना ना ले ये दवाइयां, नवजात के लिए खतरा

 

गर्भवती महिला को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। प्रेग्नेंसी में कई तरह के दर्द होते हैं ऐसे में बिना डॉक्टर के सलाह के कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। एक अध्ययन में पाया गया है कि गर्भवती महिलाएं जो दर्द निवारक दवाएं लेती हैं, उनमें जटिलताएं होने की संभावना अधिक होती है। एबरडीन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि पेरासिटामोल और इबूप्रोफेन दवा को लेने वाली महिलाओं में प्रीमेच्योर बेबी या फिर मृत संतान को जन्म देने की दर ज्यादा थी।

स्टडी में पाया गया कि उन महिलाओं में समय से पहले जन्म की संभावना लगभग 50 प्रतिशत अधिक थी, जिन्होंने अपनी गर्भावस्था के दौरान किसी समय पांच सामान्य दर्द निवारक दवाओं में से एक लिया था। इसके साथ ही तीन दशकों में 150,000 से अधिक गर्भधारण को देखने के बाद स्टडी में पता चला कि मृत जन्म का जोखिम 33 प्रतिशत अधिक था।

प्रेग्नेंसी के दौरान 10 में से 8 महिलाएं दर्द की दवा लेती हैं
प्रेग्नेंसी के दौरान बुखार और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए 10 में से आठ माताएं दर्द निवारक दवाएं लेती हैं। एनएचएस का कहना है कि पेरासिटामोल गर्भवती महिलाओं के लिए 'पहली पसंद' दर्द निवारक है, लेकिन उच्च खुराक एस्पिरिन और इबूप्रोफेन जैसी सूजन-रोधी दवाएं लेने के खिलाफ चेतावनी देती है।एबरडीन विश्वविद्याय के शोधकर्ताओं ने तर्क दिया कि उनके रिसर्च बताते हैं कि वर्तमान में इसमें संशोधन करने की जरूरत है।

अध्ययन के लिए 1985 और 2015 के बीच 151,141 से अधिक गर्भधारण की जांच की गई। टीम ने उन महिलाओं के मेडिकल नोट्स का अध्ययन किया जिन्होंने पैरासिटामोल, एस्पिरिन, इबूप्रोफेन, डाइक्लोफेनाक और नेप्रोक्सन लिया था।

वर्तमान में पेरासिटामोल प्रेग्नेंसी के लिए सुरक्षित माना जाता है
वर्तमान में पेरासिटामोल गर्भावस्था के दौरान उपयोग करने के लिए सुरक्षित माना जाता है। लेकिन दर्द से राहत के लिए एस्पिरिन की उच्च खुराक की सिफारिश नहीं की जाती है क्योंकि यह बच्चे के परिसंचरण को प्रभावित कर सकती है खासकर 30 सप्ताह के बाद। जबकि जो अन्य तीन दवाइयां हैं उसे गर्भवती महिला के लिए प्रिसक्राइब्ड नहीं किया गया है। क्योंकि ये बच्चों के परिसंचरण और गुर्दे को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं।

पेन किलर लेने वाली महिलाओं के नवजात हेल्दी नहीं हुए पैदा
वैज्ञानिक पत्रिका बीएमजे ओपन में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि कुल मिलाकर, 10 में से तीन महिलाओं (29 प्रतिशत) ने गर्भावस्था के दौरान बिना पर्ची के मिलने वाले दर्द से राहत पाई। शोधकर्ता ने बताया कि 2008 और 2015 के बीच गर्भधारण के लिए यह आंकड़ा दोगुने से ज्यादा था।  पांच दर्द निवारक दवाओं में से कम से कम एक लेने वाली माताओं को जटिलताओं का सामना करने की अधिक संभावना थी। उन प्रेग्नेंट महिलाओं के बच्चे की मौत की संभावना 28 प्रतिशत ज्यादा थी जिन्होंने इनमें से एक पेन किलर का इस्तेमाल किया था।

64 प्रतिशत महिलाओं के बच्चों में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी संबंधित दोष पाए गए। जबकि 27 प्रतिशत बच्चों में जिनकी माताओं ने दवाई ली थी उन्हें  हाइपोस्पेडिया, लिंग को प्रभावित करने वाला जन्म दोष हुआ।  50 प्रतिशत से अधिक नवजात की मृत्यु चार हफ्तों के भीतर हो गई जिन्होंने इन में एक दवाई को प्रेग्नेंसी में दर्द के दौरान लिया।

पेरासिटामोल भी है प्रेग्नेंसी के लिए खतरनाक
शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी कि एनएसएआईडी कॉम्बिनेशन से बनी पेरासिटामोल लेना जोखिम से भरा था। विश्वविद्यालय में पीएचडी शोधकर्ता और अध्ययन की प्रमुख लेखिका ऐकातेरिनी ज़ाफ़ेरी ने कहा कि गर्भवती माताओं को काउंटर दवाएं लेने से पहले हमेशा चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एनएसआईडी के कॉबिनेशन से मिलकर बनी पेरासिटामोल जोखिम से भरा है।

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