गर्मी में पीएं मटके का पानी होंगे फायदे
देश में इन दिनों जबरदस्त गर्मी पड़ रही है। खासकर, उत्तर भारत में तो हालात बहुत खराब हैं। सुबह से ही तेज धूप की वजह से लोग घरों में कैद हो जा रहे हैं। दिनभर गर्म हवाओं के थपेड़े और तेज धूप की तपिश लोगों को लगभग झुलसा दे रही है। प्यास से न सिर्फ मनुष्यों का बल्कि, पशु-पक्षियों का भी बुरा हाल है।
बहरहाल, गर्मी में फ्रिज की डिमांड बढ़ जाती है। प्यास बुझाने के लिए लोग फ्रिज का ठंडा पानी पीते हैं, लेकिन दावा किया जाता है कि मटके का पानी सेहत के लिए लाभदायक है। हालांकि, यह कोई नई बात नहीं है, जब फ्रिज की जगह मटके का ठंडा पानी पीने पर जोर दिया जा रहा है। मिट्टी के बर्तन में पानी रखने और पीने का लाॅजिक बहुत पहले से दिया जाता रहा है। मिट्टी के बर्तन में रखा पानी जल्दी ठंडा होता है और देर तक ठंडा रहता है। यह स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है।
फ्रिज का पानी गला खराब करता है, जबकि मटके के साथ ऐसा नहीं है
माना जाता है कि फ्रिज का पानी जहां सेहत को नुकसान पहुंचाने वाला होता है, गले को खराब करता है और इम्यूनिटी पर भी असर डालता है। वहीं, मटके का पानी इन सब चीजों के लिए फायदेमंद साबित होता है। मटके का पानी पीने से गला ठीक रहता है।
लू नहीं लगती
मटके में रखा पानी पीने और मिट्टी के बर्तन से पानी पीने पर लू नहीं लगती। दावा किया जाता है कि इस बर्तन में स्टोर पानी शरीर में खनिज और ग्लूकोज का स्तर मेनटेन रखते हैं। शरीर ठंडा रहता है। यह हीट स्ट्रोक से बचाव करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी
माना जाता है कि मिट्टी के बर्तनों में रखे गए पानी का इस्तेमाल करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि मटके का पानी पीने से शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
एसिडिटी खत्म होगी, पीएच लेवल मेनटेन रहेगा
माना जाता है कि मटके का पानी पीने से शरीर में जो खराब एसिडिक कण होते हैं, वो इसके इस्तेमाल से बाहर यूरीन तथा पसीने के साथ निकल जाते हैं। यहीं नहीं, मटके का पानी शरीर में सही पीएच लेवल भी मेंटेन करता है।
बीपी काबू में रहता है, त्वचा भी दमकती है
यही नहीं मटके का पानी शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है। साथ ही, मटके का पानी पीने से ब्लड प्रेशर लेवल भी मेंटेन रहता है। रोज मटके का पानी पीने से शरीर में त्वचा संबंधित होने वाली परेशानियां जैसे- फोड़े, फुंसी आदि नहीं होते। इसके अलावा, त्वचा भी दमकती-चमकती रहती है।