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कही आपको तो नहीं होगा लॉन्ग कोविड , जाने सिम्पटम्स

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। ओमीक्रोन वेरिएंट आने के बाद हालत और ज्यादा खराब हो गए हैं। इसे कोरोना का अब तक का सबसे घातक वेरिएंट माना जा रहा है क्योंकि यह तेजी से फैलता है और पहले से ठीक हुए और टीका लगवा चुके लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। नए-नए वेरिएंट के आने के बाद कोरोना और ज्यादा घातक होता जा रहा है।

अब यह है कि लोग सिर्फ एक या दो बार नहीं बल्कि कई बार इससे संक्रमित हो रहे हैं। बात यही खत्म नहीं होती, एक बार संक्रमित होकर ठीक हुए लोगों में हफ्तों के महीनों तक कोरोना के लक्षण देखे जा रहे हैं। मेडिकल भाषा में इसे लॉन्ग कोविड (Long Covid symptoms) कहा जाता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि कोरोना से जूझने के बाद किसी व्यक्ति में लक्षण काफी दिनों तक रह सकते हैं और साथ ही कई जटिलताएं भी विकसित हो सकती हैं।

अध्ययनों से पता चला है कि कुछ लोगों में, यहां तक कि जिन लोगों को हल्के लक्षण थे, उनके ठीक होने के लंबे समय बाद भी लक्षण जारी रह सकते हैं। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि कोविड-19 वायरस का पता चलने के बाद भी लक्षण चार सप्ताह से अधिक समय तक बने रह सकते हैं। इसी तरह डॉक्टरों ने ओमीक्रोन के मामले में भी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि ओमीक्रोन वेरिएंट भी लॉन्ग कोविड का कारण बन सकता है।

Long covid क्या है?

लॉन्ग कोविड उस स्थिति को संदर्भित करता है, जब लोग कोरोना से उबरने के लंबे समय बाद लक्षणों को महसूस करते हैं। यह लक्षण संक्रमण के कम होने के हफ्तों और महीनों बाद तक महसूस हो सकते हैं। हैरानी की बात यह है कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद किसी कि गंभीर लक्षण जारी रह सकते हैं और उनका दैनिक कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

किन्हें है लॉन्ग कोविड का ज्यादा खतरा

ऐसा माना जा रहा है कि बुजुर्गों और पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों को लॉन्ग कोविड के लक्षणों का अधिक खतरा है। हालांकि युवा और स्वस्थ लोग भी कोरोना वायरस के दीर्घकालिक प्रभावों का शिकार हो सकते हैं।

Long covid के लक्षण

लॉन्ग कोविड के कुछ सबसे आम लक्षणों में थकान, लगातार खांसी, सांस की तकलीफ, ब्रेन फोग और चिंता शामिल हैं। पोस्ट-कोविड सिंड्रोम से जूझ रहे लोगों के लिए उचित देखभाल और हेल्दी डाइट की सलाह दी जाती है।

महीनों तक रहने वाले कोविड के लक्षण

कोरोना के मुख्य लक्षणों में से एक गंध और स्वाद की भावना का नुकसान है जोकि बीमारी का एक स्पष्ट संकेत भी है। कोरोना के मरीजों में ऊपरी श्वसन पथ का संक्रमण होता है, जिससे गंध और स्वाद की भावना खराब हो सकती है। अधिकांश लोग ठीक होने की स्थिति में इस लक्षण से मुक्ति पा लेते हैं जबकि कुछ लोगों में ऐसा नहीं होता है। इसे मेडिकल भाषा में पारोस्मिया (Parosmia) कहा जाता है। पारोस्मिया से पीड़ित किसी भी व्यक्ति में गंध की विकृत भावना होती है. इसका मतलब यह है कि उसे सड़े हुए कचरे, पेट्रोल या अम्लीय पदार्थों की तरह गंध की भावना हो सकती है। एक सर्वेक्षण में बताया गया है कि 49.3 प्रतिशत लोगों को इस स्थिति का तीन महीनों तक सामना करना पड़ा जबकि शेष 50.7 प्रतिशत लोगों को तीन महीने से ज्यादा यह लक्षण रहा। लगातार खांसी, जोड़ों में दर्द, कंजेक्शन, सिरदर्द, ब्रेन फोग, नींद की समस्याएं, थकान, सांस फूलना और सुस्त रहना जैसे लक्षण भी कई हफ्तों तक बने रहे सकते हैं। इनके अलावा बालों का झड़ना भी कई लोगों में एक सामान्य लक्षण है।

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