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Stress: तनाव से जूझ रहे हैं तो इन फूड्स के सेवन से बनाए दूरी

Stress: आज की भागदौड़ भरी और व्यस्त दुनिया में तनाव ने हमारे जीवन में एक स्थायी जगह बना ली है। चाहे काम के दबाव हो, रिश्ते हों या फिर व्यक्तिगत समस्याएं, तनाव लगभग सभी को उनके जीवन के किसी न किसी मोड़ पर प्रभावित करता है। ऐसे में तनाव को प्रबंधित करने के कई तरीके हैं, जिनमें से एक है भोजन।

भोजन केवल पोषण का स्रोत नहीं है, बल्कि यह सीधे हमारे मूड और इमोशन्स को प्रभावित कर सकता है। गलत प्रकार का भोजन खाने से तनाव और चिंता बढ़ सकती है जबकि सही भोजन लेने से तनाव को कम किया जा सकता है और शरीर के साथ मन को भी आराम देने में बढ़ावा मिल सकता है।

इन फूड्स से करें परहेज

1. शराब

जहां कुछ लोग शराब को दर्द और तनाव कम का आसान तरीका समझते हैं, उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि वास्तव में वे अपने तनाव के स्तर को बढ़ा रहे हैं। शराब एक ऐसी चीज है जो आपके मूड को नियंत्रित करने वाले एक न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के उत्पादन में हस्तक्षेप कर सकता है और इससे आपकी स्थिती और भी गंभीर हो सकती है। जब सेरोटोनिन का स्तर कम होता है, तो यह चिंता और अवसाद की भावनाओं को जन्म दे सकता है। इसके अतिरिक्त, शराब नींद को भी बाधित कर सकती है, जिससे तनाव और चिंता बढ़ सकती है। तनाव के समय शराब के सेवन से बचना या सीमित करना सबसे अच्छा है।

2. कैफीन

कैफीन एक उत्तेजक पदार्थ है जो कॉफी, चाय, चॉकलेट और कुछ कोल्ड ड्रिंक्स में पाया जाता है। यह हार्ट रेट और ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकता है, जो तनाव के शारीरिक लक्षणों जैसे पसीना और कंपकंपी को बढ़ा सकता है। कैफीन नींद में भी बाधा डाल सकता है, जिससे तनाव और भी बदतर हो सकता है। अगर आप तनावग्रस्त महसूस कर रहे हैं, तो कैफीन के सेवन से बचनें या फिर इसे सीमित करें।

3. पैश्चराइज्ड और हाई फैट वाले फूड्स

चिप्स, कैंडी और फास्ट फूड जैसे पैक्ड फूड फैट और कैलोरी में हाई होते हैं। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करने से वजन बढ़ सकता है और हृदय रोग और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इसके अतिरिक्त, हाई फैट वाले फूड्स सेरोटोनिन के उत्पादन में रुकावट पैदा कर सकते हैं, जिससे तनाव के लक्षण बिगड़ सकते हैं। तनाव के समय पैक्ड और पैश्चराइज्ड फूड के सेवन को सीमित कर देना चाहिए।

4. ग्लूटन और डेयरी

कुछ लोग ग्लूटेन और डेयरी इंटोलरेंट होते है, जिससे उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं, सूजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ शरीर में नकारात्मक प्रतिक्रिया भी पैदा कर सकते हैं, जिससे तनाव और चिंता की भावना पैदा होती है। ऐसे में अगर आपको भी यह समस्या है तो आपको ग्लूटेन या डेयरी वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।

5. चीनी

जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो हमारा शरीर हार्मोन कोर्टिसोल छोड़ता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। मीठे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों के सेवन से रक्त शर्करा के स्तर को और बढ़ सकता है, जिससे ऊर्जा के स्तर में कमी आ सकती है और तनाव के लक्षण बिगड़ सकते हैं। चीनी मैग्नीशियम के अवशोषण में भी हस्तक्षेप कर सकती है, जो कि एक खनिज है और मांसपेशियों को आराम देने में मदद करने के लिए जाना जाता है। तनाव के समय चीनी के सेवन से बचना या सीमित करना सबसे अच्छा है

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