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तेजी से बढ़ रही है शादी के बाद डिप्रेशन की बीमारी

कोरोना काल में पोस्ट मैरिज डिप्रेशन के मामले तेजी से बढ़े हैं। भारत में पोस्ट मैरिज डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में अब भी लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। इसे नई बहुओं में मूड स्विंग्स समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। वहीं शादी के बाद ज्यादातर पुरुष डिप्रेशन की उभरती भावनाओं को दबाकर बैठ जाते हैं।
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें नए दंपति उदास और निराश महसूस करने लगते हैं। ये भावनाएं उनके दैनिक जीवन में बाधा बनने लगती हैं। क्लिनिकल डिप्रेशन की तुलना में पोस्ट मैरिज डिप्रेशन कुछ अलग है। यह केवल शादी से जुड़ी बातों के कारण होता है। कुछ मामलों में सगाई के बाद भी लोगों में डिप्रेशन के लक्षण आ सकते हैं।

पोस्ट मैरिज डिप्रेशन की क्या वजहें हैं
भारत में पोस्ट मैरिज डिप्रेशन होना काफी कॉमन है। शादी होने के तुरंत बाद महिलाओं को नए परिवार में ढलने में परेशानी होती है। इससे उनकी इमोश्नल और मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। एक ‘सिंगल’ महिला से ‘बहू’ बनने के साथ ही कई जिम्मेदारियों का बोझ औरतों के कंधों पर आ जाता है। भारत एक पितृसत्तात्मक समाज है। इसके कारण महिलाएं अचानक से बदलती हुई जिंदगी में एडजस्ट नहीं हो पातीं। कामकाजी महिलाओं पर दोहरे काम का बोझ लादा जाता है। कई मामलों में पति और ससुराल वाले महिला की आजादी छीन लेते हैं। उसके जीवन के सभी फैसले लेने लगते हैं। ये चीजें धीरे-धीरे महिलाओं को डिप्रेशन की ओर धकेल सकती हैं। पुरुषों की बात करें तो शादी होने पर वे खुद को काम और पारिवारिक जीवन के बीच फंसा पाते हैं। चूंकि देश में अब भी पुरुषों को घर का मुखिया समझा जाता है, इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए उन पर काफी प्रेशर आ जाता है। यह प्रेशर सामाजिक के साथ-साथ आर्थिक भी हो सकता है। इससे निपटने के लिए कई लोग शराब जैसी गलत आदतों का सहारा लेते हैं।

पोस्ट मैरिज डिप्रेशन से कैसे छुटकारा पाएं
खुद पर नई जिंदगी में ढलने का प्रेशर न डालें। अपने आपको थोड़ा वक्त दें। ऐसी कोई भी बात जो आपको परेशान कर रही है, उसे अपने पार्टनर और उसके परिवार से साझा करें। अपने शादीशुदा दोस्तों से मन की बात शेयर करें।  मेंटल स्ट्रेस से बचने के लिए अपने परिवार से ज्यादा संपर्क में रहें। अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। अपनी समस्याओं का मिलकर समाधान ढूंढने की कोशिश करें। कोई पसंदीदा एक्टिविटी या नए प्रोजेक्ट में अपना मन लगाएं। परेशानी बने रहने पर मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के पास जाकर अपना चेकअप करवाएं।

पोस्ट मैरिज डिप्रेशन के लक्षण
एंग्जाइटी, उदासी, नींद में गड़बड़ी, भूख न लगना, पार्टनर और ससुराल के प्रति निराशा, हताशा, अपने प्रति नए परिवार के व्यवहार पर संदेह होना, जीवन में कुछ न बचने की भावना, बोरियत, प्रेरणा की कमी लगना, पार्टनर के साथ बिताई डेटिंग लाइफ की याद आना, असंतुष्ट महसूस होना, नई जिंदगी का आनंद न लेने का दोषी मानना।

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