ये आदत ठण्ड के मौसम में बड़ा देती है हार्ट अटैक का खतरा
दिल हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है। जब से यह बनता है, बिना रूके काम करता है। लेकिन हमारी जीवनशैली की कुछ खराब आदतें कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को बेहद नुकसान पहुंचाती हैं। लेकिन एक सच जो हाल ही में सामने आया है, चौंकाने वाला है। शोधकर्ताओं के अनुसार, सर्दियों में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है। आमतौर पर लोगों का मानना है कि सर्दी के दिनों में सर्दी-जुकाम और फ्लू के मामलों में तेजी आती है, जबकि इस मौसम में हार्ट अटैक का जोखिम सबसे ज्यादा है। दिल की बीमारी से होने वाली मौतें अचानक होने वाली मौतों सहित सर्दी की शुरूआत में बहुत तेजी से बढ़ती हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि सर्दी के दिनों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा गर्मियों के मुकाबले दोगुना होता है। दिल के दौरे और हृदय रोग से संबंधित घटनाओं की संभावना अक्सर सुबह के वक्त ही होती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि सर्दी के मौसम में फ्लू के साथ हमारा दिल तनाव में आ जाता है। इसालिए सर्दी के महीनों में स्वस्थ और दिल के मरीजों को अपने दिल का खास ख्याल रखना चाहिए। लेकिन क्या इस खतरे को सक्रिय रूप से रोकने और आने वाले स्वास्थ्य संकट को रोकने का कोई तरीका है। मुंबई परेल के ग्लोबल अस्पताल के कार्डियोवस्कुलर और थोरैसिक सर्जरी के सलाहकार डॉ. चंद्रशेखर कुलकर्णी ने टाइम्स नाउ से बातचीत की और सर्दी के मौसम में इस बीमारी से बचने का तरीका भी बताया। लेकिन इससे पहले एक नजर डालते हैं एक्सप्रेस.को.यूके की एक रिपोर्ट पर।
6 गुना क्यों बढ़ सकता है हार्ट अटैक का रिस्क
टोरंटो यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध में हृदय स्वास्थ्य से संबंधित एक खोज की गई है। कनाडाई रिसर्चर्स ने श्वसन संक्रमण, खासतौर से इंफ्लूएंजा और दिल का दौरा पडऩे के बीच एक महत्वपूर्ण संबंण बताया है। वहीं Express.Co.Uk की रिपोर्ट में रिसर्च से पता चलता है कि फ्लू के संकुचन के एक सप्ताह के भीतर दिल का दौरा पड़ने का जोखिम छह गुना बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इंफ्लूएंजा दिल और वस्कुलर सिस्टम पर तनाव डालता है।
हार्ट अटैक के मामले किस मौसम में सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं
डॉ.चंद्रशेखर कुलकर्णी बताते हैं कि हार्ट अटैक के मामले सर्दियों में ज्यादा देखे जाते हैं। यह स्थिति सबसे ज्यादा उन लोगों के साथ बनती है, जिनकी धमनियां पहले से ही संकुचित हैं। दिल के दौरे की संभावना सबसे ज्यादा सुबह के वक्त होती है, जब तापमान सबसे कम होता है।
फ्लू या इंफ्लूएंजा के संक्रमण से हृदय रोगी को दिल का दौरा पड़ने की संभावना कैसे बढ़ जाती है
किसी भी संक्रमण से दिल को ज्यादा ब्लड पंप करने की जरूरत बढ़ जाती है इसलिए डैमेज हुआ दिल और परेशानी में आ जाता है। इसके अलावा गंभीर इंफ्लूएंजा के कारण शरीर में कम ऑक्सीजन का स्तर अनियमित दिल की धड़कन को ट्रिगर कर सकता है। ब्लड प्रेशर में कमी से मायोकार्डियल इस्किमिया हो सकता है।
इस मौसम में फिजिकल एक्टिविटी में कमी, मानसिक दबाव, खाने-पीने की खराब आदतें और इस मौसम में होने वाले वायरल इंफेक्शन की वजह से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों का दिल कमजोर है, उन्हें खासतौर से इस मौसम में अपना ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर्स इस दौरान अपनी डाइट पर खास ध्यान देने की सलाह देते हैं।