सरकारी स्कूलों में घटे 31 लाख छात्र, प्याज खरीदी घोटाले में जांच जारी
भोपाल
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि शासकीय स्कूलों में बच्चों के घटने की संख्या के पीछे चाइल्ड पापुलेशन में गिरावट एक वजह है। इसके अलावा आरटीई के अंतर्गत अशासकीय स्कूलों में निशुल्क प्रवेश, एसएसएसएमआईडी के माध्यम से किए जाने वाले डेटा शुद्धिकरण के चलते भी सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन घटा है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार चाइल्ड वाइस टेÑकिंग करा रही है। नव प्रवेश प्रबंधन, कक्षांतरण और शाला से बाहर बच्चों के लिए अलग-अलग माड्यूल तैयार कर छात्रवार समीक्षा की जा रही है ताकि 6 से 14 साल तक केसभी छात्रों का शाला में नामांकन तय किया जा सके।
मंत्री परमार ने ये बातें विधायक प्रवीण पाठक के सवाल के लिखित जवाब में कही। पाठक ने पूछा था कि प्रदेश में वर्ष 2010-11 में सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या कितनी थी और वर्ष 2020-21 में यह संख्या कितनी है? साथ ही इन दस सालों में छात्रों के ड्रेस, किताबें और मध्यान्ह भोजन पर हुए खर्च की जानकारी भी मांगी गई थी। इसके जवाब में मंत्री परमार ने यह भी बताया कि वर्ष 2010-11 में कक्ष एक से आठ तक विद्यार्थियों की सरकारी स्कूलों में संख्या 105.30 लाख थी जो वर्ष 2020-21 में घटकर 64.3 लाख हो गई है। यानी 30.896 लाख छात्र इन सालों में सरकारी स्कूलों में घटे हैं।
उधर निशुल्क गणवेश का खर्च 2010-11 में 39911.57 लाख रुपए था जो 2020-21 में 32408.16 लाख रुपए तक पहुंच गया है। इसी तरह किताबों के वितरण में 16020.69 लाख रुपए 2010-11 में खर्च हो रहे थे जो 2020-21 में 15436.32 लाख रुपए हो गए हैं। इसी तरह मध्यान्ह भोजन पर वर्ष 2010-11 में 91603.53 लाख रुपए खर्च हुए थे जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 161789.46 लाख रुपए तक पहुंचा है। यानी बच्चे घटे, किताबें और गणवेश का खर्च घटा है लेकिन मध्यान्ह भोजन का खर्च बढ़ गया है।
एक अन्य सवाल विधायक विनय सक्सेना ने किया जिसमें उन्होंने 30 सितम्बर 21 तक एक साल में सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए खरीदी गई ड्रेस और खरीदी में नियमों का पालन नहीं किए जाने पर अनियमितता का सवाल उठाया। इसके लिखित जवाब में मंत्री परमार ने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन, राज्य शहरी आजीविका मिशन और महिला व बाल विकास विभाग के अंतर्गत स्व सहायता समूहों से 26662 करोड़ रुपए के एक करोड़ 16 लाख 41 हजार गणवेश खरीदे गए हैं। इस खरीदी में भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 के अंतर्गत नियम 6 बी में व्यवस्था से छूट प्रदान की गई है। खरीदी में किसी तरह की गड़बड़ी से मंत्री ने इनकार किया है।
विधायक जयवर्द्धन सिंह और अन्य ने विधानसभा के जरिये यह जानकारी मांगी थी कि वर्ष 2019-21 के बीच उद्यानिकी नर्सरियों में उत्पादित बीज की बिक्री के लिए विक्रय दर क्या तय थी। किसानों को प्याज बीज किस दर पर और किस संस्था से कब कब दिया गया। इस पर मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2021 में खरीफ मौसम के लिए प्याज बीच एनएचआरडीएफ से किसानों को 7960 रुपए प्रति किलो की दर से दिया गया। इस मामले में बगैर निविदा बुलाए की गई कार्यवाही पर जांच की जा रही है। अभी तक किसी के विरुद्ध जांच के मामले में कार्यवाही नहीं हुई है।