रतलाम में भाजपा के जनाधार में तीन वर्ष में 24 प्रतिशत की गिरावट
अमिताभ पाण्डेय
भोपाल । ( अपनी खबर )
विगत चुनाव जो कि जून 2019 में हुए , उसमें रतलाम में भाजपा को मत देने वाले 100 मे से 24 मतदाताओं ने 3 वर्ष के बाद भाजपा को छोड़ कांग्रेस को मत दिया । भाजपा के जनाधार में 24% की कमी हो गई है ।
रतलाम के नगर निगम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मयंक जाट की हार के बाद भी कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा जबकि भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद पटेल की जीत होने पर भी भाजपा का वोट कमजोर हुआ है। रतलाम नगर निगम के चुनाव परिणाम पर यह विश्लेषण पूर्व महापौर एवम पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने किया है। उन्होंने अपनी खबर को बताया कि भाजपा और कांग्रेस के प्राप्त मतों के प्रतिशत का अंतर 35.44 से गिरकर मात्र 5.77 रह गया । याने प्रतिशत अंतर में 30 की गिरावट हो गई ।
श्री सकलेचा के अनुसार जून 2019 में भाजपा को प्राप्त मत 1लाख 00374 से 24 हजार 137 घटकर जुलाई 2022 मे मात्र 76 हजार 237 हो गये । कांग्रेस के मत 20 हजार 378 से बढ़कर 47 हजार 268 से 67 हजार 646 हो गए ।यदि दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत देखे तो यह 64.76 से घटकर जुलाई 2022 में मात्र 51.77 रह गया । इससे पता चलता है कि भाजपा को मत देने वाले 100 में से 21मतदाताओं ने भाजपा की जगह कांग्रेस को मत दिया ।
नगर निगम चुनाव के दौरान जुलाई 2022 में कुल गिरे मत में 6 हजार 952 की वृद्धि के बाद भी , भाजपा को प्राप्त मत में 15 हजार 749 की कमी होकर 91हजार 986 से मात्र 76 हजार 237 रह गए । कांग्रेस के मत 19 हजार 095 से बढ़कर 48 हजार 551 से 67 हजार 646 हो गए । प्रतिशत में अंतर 30.58 से गिरकर मात्र 5.77 रह गया ।पिछले विधानसभा चुनाव दिसंबर 2018 में कांग्रेस को भाजपा से 43 हजार 435 मत तथा जून 2019 के चुनाव में 53 हजार 106 मत कम मिले थे ।
वहीं नगर निगम चुनाव के दौरान जुलाई 2022 में मात्र 8591 मत कम मिले ।
उल्लेखनीय है कि रतलाम में नगर निगम चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री (आधा दिन ), प्रदेश अध्यक्ष ( ढाई दिन ), चार मंत्री (3 से 5 दिन ), प्रदेश संगठन महामंत्री ( 10 दिन ), नगर विधायक छोड़कर 5 विधायक ( 7-7 दिन ) लगे रहे । इसके बाद भी मतों का अंतर 44 हजार 515 से कम होकर, 53 हजार 106 का मात्र 8591 रह गया । चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिला प्रशासन ने जो पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की उसकी शिकायत रतलाम जिला कांग्रेस कमेटी की और से पीयूष बाफना और पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने राज्य निर्वाचन आयोग को तत्काल भेजी ।इस मामले में राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी पत्र लिखा लेकिन कोई प्रभावी कारवाई नहीं हो पाई।
श्री सकलेचा का कहना है कि रतलाम में जनता का भाजपा से मोहभंग हो रहा है।
कांग्रेस के लिए नगर निगम चुनाव वोट बैंक बढ़ाने में सफल हुआ है। यह माना जा सकता है कि भाजपा की जीत में हार है , और मयंक की हार में जीत हुई है ।
श्री सकलेचा ने दावा किया कि आनेवाले विधानसभा चुनाव में रतलाम ही नहीं सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशी भारी बहुमत से जीतेंगे । इसका कारण यह है कि भाजपा शासन काल में जनता बढ़ती महंगाई और खाने पीने की वस्तुओं पर लगाए जा जा रहे गब्बरसिंह टैक्स, जी एस टी से परेशान हो गई है।