भोपालमध्य प्रदेश

अंतर्राष्ट्रीय वन मेला का चौथा दिन

भोपाल

अंतर्राष्ट्रीय वन मेला के समापन के करीब पहुँचने पर शनिवार को लोगों का उत्साह शिखर पर पहुँच गया है। आयुर्वेदिक उत्पाद, नि:शुल्क चिकित्सक परामर्श के साथ अन्य स्टॉलों पर बड़ी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं।

राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह ने बताया कि वन मेले में अब तक 65 लाख रुपये से अधिक के वन और हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बिक्री हो चुकी है। मेले में स्थापित 20 ओपीडी में चौथे दिन 90 वैद्यों द्वारा रोगियों को नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श दिया गया।

"वनोपज से स्वास्थ्य सुरक्षा" विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन ऑनलाइन थाईलैण्ड, दिल्ली और कोलकाता के उच्च संस्थानों के विषय-विशेषज्ञों ने लघु वनोपज के विभिन्न स्तरों पर होने वाले संरक्षण, संवर्धन, विपणन और औषधीय उपयोग के महत्व पर अनुभव साझा किये। स्थानीय विशेषज्ञ वैद्यों ने औषधीय पौधों की उपलब्धता और कोविड महामारी के उपचार एवं बचाव के तरीकों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिये। कार्यशाला में घोषणा-पत्र का प्रारूप सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर.व्ही. खरे और प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया।

घोषणा-पत्र में वनोपज के मूल्य का अधिक लाभ हितग्राहियों को दिलाने के साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री वन-धन योजना और देवारण्य से जोड़ने एवं स्थानीय स्तर पर संग्राहकों को प्र-संस्करण में उपकरण क्रय की सहायता आदि विषय का समावेश किया गया है।

वन मेले में दोपहर में स्कूली छात्र-छात्राओं की फैंसी ड्रेस, सोलो एक्टिंग प्रतियोगिता और झाबुआ, धार तथा बड़वानी के जनजातीय कलाकारों द्वारा लोक-नृत्य की प्रस्तुति दी गई। संघमित्रा एवं पार्टी द्वारा आकर्षक नृत्य-नाटिका का मंचन किया गया।

 

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