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पेयजल समस्या की शिकायत प्राप्त होने पर तुरंत निराकरण करें

पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव पी नरहरि ने की जल जीवन मिशन कार्यों की समीक्षा

सीहोर। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव पी नरहरि की अध्यक्षता में सीहोर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर बालागुरू के., जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में प्रमुख सचिव पी नरहरि ने जिले में चल रहे नल जल योजनाओं के कार्यों की विकासखण्डवार विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी ग्राम में पेयजल समस्या की शिकायत प्राप्त होने पर समस्या का तुरन्त निराकरण किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद एवं पीएचई के अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में निरन्तर भ्रमण करें और पेयजल समस्या निर्मित होने के पहले ही उचित कार्यवाही करे। बैठक में मुख्य अभियन्ता आरके हिरोडिया, सभी जनपद सीईओ, जल निगम एवं पीएचई के अधिकारी उपस्थित थे।
नरवाई को लेकर जारी किए आवश्यक निर्देश –
कलेक्टर बालागुरू के. ने संबंधित अधिकारियों को नरवाई न जलाए जाने तथा प्रबंधन गतिविधियों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं। कलेक्टर बालागुरू के. द्वारा जारी निर्देशानुसार जिले में नरवाई जलाने की रोकथाम के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने के पश्चात भी किसानों द्वारा नरवाई जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो कि वातावरण, मिट्टी की संरचना एवं पोषक तत्वों तथा उर्वरा शक्ति के लिए नुकसानदायक है। कलेक्टर बालागुरू के. ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फायर मॉनिटरिंग वेबसाइट पर सभी सम्मिलित विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों का अधिक से अधिक संख्या में रजिस्ट्रेशन कराया जाए, जिससे वन क्षेत्र एवं नरवाई जलाने संबंधी घटनाओं की सूचना समय पर प्राप्त हो सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फायर फाइटिंग सिस्टम को ज्यादा प्रभावशाली बनाया जाए। जे फार्म एप पर जिले में उपलब्ध 75 सुपर सीडर का रजिस्ट्रेशन कराया जाए तथा जिले के सभी किसानों को जे फार्म एप पर जोड़कर सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर का उपयोग करने के लिए बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिले में पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक एवं वन रक्षक की संयुक्त टीम गठित कर संबंधित क्षेत्र में नरवाई एवं वन क्षेत्र में आग न लगाने के लिए प्रचार-प्रसार कराया जाए तथा क्षेत्र में घटित होने वाले प्रकरणों में संबंधित किसानों के विरुद्ध पंचनामा तैयार कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर कार्यवाही की जाए। इसके साथ ही जिन ग्रामों में अभी फसल कटाई शेष है तथा पहले वर्ष में इन ग्रामों में नरवाई जलाने की घटनाएं हुई हों तो ऐसे ग्रामों में ट्रैक्टर चलित वाटर टैंकर (पम्प सहित) उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाए, जिससे खड़ी फसल में आग ना लगे तथा नरवाई में लगी हुई आग को तत्काल बुझाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कृषि विभाग द्वारा प्रतिदिन जारी किए जा रहे फसल अवशेष को जलाने की सेटेलाइट मॉनिटरिंग की जिलेवार रिपोर्ट की समीक्षा की जाए तथा रणनीति भी तैयार की जाए ताकि आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके।

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