भोपालमध्य प्रदेश

6 साल में एक बैच को कढर अवार्ड, वर्ष 2016 से 1995 बैच के अफसर हो रहे पदोन्नत

भोपाल
राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के एक ही बैच के सभी अफसरों को आईपीएस अवार्ड होने में 6 साल का वक्त लग गया। इस बैच के पहले क्रम के अफसर को 6 साल पहले आईपीएस अवार्ड हुआ था, जबकि इसी बैच के आखिरी क्रम के अफसर को अब आईपीएस अवार्ड होने जा रहा है। इधर इस बैच के सबसे पहले आईपीएस बने अफसरों को अब सिलेक्शन ग्रेड मिलने जा रहा है।

एसपीएस के 1995 बैच के अफसरों को आईपीएस अवार्ड किए जाने का सिलसिला वर्ष 2016 से चल रहा है। अब वर्ष 2021 में जाकर इस बैच के सभी अफसर आईपीएस हो जाएंगे। एक ही बैच के अफसरों को आईपीएस बनने में 6 साल का अंतर होने के चलते यह स्थिति बन गई कि एसपीएस के 1995 बैच के शुरू के क्रम के अफसरों को आईपीएस बनने के बाद अब सिलेक्शन ग्रेड मिलने जा रहा है, और दो साल बाद वे डीआईजी हो जाएंगे। जबकि उन्हीं के बैच के अंतिम क्रम के अफसरों को अब जाकर आईपीएस अवार्ड होने जा रहा है।

एक ही जिले में एक ही बैच के एक अफसर आईपीएस होकर  एसपी हैं तो दूसरे एसपीएस है और एएसपी है। हालांकि एएसपी की सोमवार को डीपीसी हो गई, वे इसी साल आईपीएस हो जाएंगे। खरगौन जिले में यह देखने को मिला है। यहां पर एसपी सिद्धार्थ चौधरी है, जबकि एएसपी जितेंद्र पंवार है। दोनों ही वर्ष 1995 बैच के अफसर है। सिद्धार्थ चौधरी कुछ सालों पहले आईपीएस हो गए, जबकि जितेंद्र पंवार की डीपीसी सोमवार को हुई है।

दरअसल वर्ष राज्य पुलिस सेवा का 1995 बैच  एमपीपीएससी की दो परीक्षाओं से बना था। दोनों बैच की ट्रैनिंग एक साथ करवाई गई थी, बाद में दोनों को यह वर्ष आवंटन किया गया। इसमें पहले 52 अफसर थे, मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद कुछ अफसर छत्तीसगढ़ चले गए, जबकि अधिकांश अफसर यहीं पर रहे। इनकी इतनी संख्या थी कि इन्हें आईपीएस अवार्ड होने में 6 साल लग गए।

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