भोपालमध्य प्रदेश

प्रदेश में कुपोषण समाप्ति में सहायक होंगे मोबाइल फोन

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कुपोषण के कलंक को दूर करने के लिए हम अब अधिक कामयाब होंगे, क्योंकि सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की वैज्ञानिक ढंग से जाँच हो सकेगी। पहले जहाँ 11 तरह के रजिस्टर में स्वास्थ्य और पोषण की जानकारियाँ दर्ज करनी होती थी वहीं अब एक स्मार्ट फोन के माध्यम से यह कार्य आसान हो जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में इस व्यवस्था को लागू किया जायेगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने आज मंत्रालय में सीहोर जिले की चार आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सुरेखा बरेला, मनीषा प्रजापति, दीपा गोहिया और रेखा कराते को प्रतीक स्वरूप स्मार्ट फोन प्रदान किए। सीहोर जिले की 1465 आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि श्रेष्ठ कार्य के लिये जिला और राज्य स्तर की आँगनवाड़ी, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, गोद लेने वाले व्यक्ति, सुपरवाइजर और महिला बाल विकास अधिकारी पुरस्कृत होंगे।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, विधायक सुदेशराय, करण सिंह वर्मा, सीताराम यादव, सीहोर टाउन हाल से कार्यक्रम में वर्चुअली सम्मिलित हुए। प्रदेश में करीब एक लाख स्मार्ट फोन वितरण का लक्ष्य है। प्रथम चरण में प्रदेश के 16 जिलों की 27 हजार 817 आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन एवं 972 पर्यवेक्षक को टेबलेट वितरित किये गए। अब 36 जिलों की 69 हजार 316 आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा 2,429 पर्यवेक्षकों को स्मार्ट फोन क्रय कर जिला स्तर से वितरित किए जा रहे हैं।

कुपोषण के खात्‍मे के लिए चाहिए सभी का सहयोग

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्मार्ट फोन कुपोषण समाप्ति का माध्यम बनेगा। बच्चों में कम वजन होना, एनिमिया की समस्या और कद छोटा होना ऐसी विकृतियाँ हैं, जो पर्याप्त भोजन के अभाव में होती हैं। प्रदेश में कुपोषण समाप्ति के अनेक प्रयास हुए हैं, जिसके फलस्वरूप कुपोषण को कम करने में सफलता भी मिली है। लेकिन जब तक सभी बच्चे स्वस्थ नहीं होंगे, हम चैन की साँस नहीं लेंगे। कुपोषण के खात्मे के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। हम दिन रात परिश्रम करके अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे।

मुख्यमंत्री ने गोद ली मथार की आँगनवाड़ी

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि वे सीहोर जिले के आँगनवाड़ी केंद्र, मथार को गोद ले रहे हैं। उन्होंने आँगनवाड़ियाँ गोद लेने के लिए जन-प्रतिनिधियों से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जन भागीदारी से बच्चों को सुपोषित करने के कार्य में आसानी होगी। जिन व्यक्तियों ने आँगनवाड़ी गोद ली हैं, वे माह में एक बार वहाँ का भ्रमण जरूर करें। मुख्यमंत्री चौहान ने एक पोषण मटका रखने और उसमें मूँग, दाल, चना और अन्य खाद्यान्न की व्यवस्था का भी आग्रह किया।

पोषण ट्रेकर एप की नई व्यवस्था

महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश में पोषण अभियान का संचालन 453 एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं में स्वीकृत 97 हजार 135 आँगनवाड़ी और मिनी आँगनवाड़ी केंद्रों से कर रहा है। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित वास्तविक समयबद्ध निगरानी मोबाइल आधारित पोषण ट्रेकर एप (एप्लीकेशन) की व्यवस्था की गई है। स्मार्ट फोन से पोषण ट्रेकर एप का उपयोग कर आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा आँगनवाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली सेवाओं की दैनिक जानकारी की प्रविष्टी की जाती है। जानकारी का अनुश्रवण ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर प्रतिदिन किया जाता है। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा स्मार्ट फोन पर पोषण ट्रेकर का उपयोग करने से जहाँ प्रतिदिन रजिस्टरों के संधारण का काम कम होगा, वही एप्लीकेशन से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रतिदिन दैनिक कार्यों के संबंध में तैयार सूचना प्राप्त होगी, जिसमें उन्हें गृह भेंट में टीकाकरण तथा अन्य सेवाओं के लिए किन हितग्राहियों को चुनना है। आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के दायित्व में हितग्राहियों के घरों में जाकर परामर्श देना और सूचनाएँ देना भी शामिल है। नई व्यवस्था से यह कार्य भी आसान हो जाएगा। पोषण ट्रेकर से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने केंद्र में दर्ज समस्त हितग्राहियों की सूची अपने मोबाइल पर कहीं भी किसी भी समय पर देख सकती हैं, जिससे हितग्राहियों की निगरानी करना आसान होगा। आँगनवाड़ी केंद्र में दर्ज 5 साल आयु तक के बच्चों की वृद्धि की निगरानी भी आसान हो जाएगी। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बच्चों का वजन एवं ऊँचाई दर्ज करने पर तत्काल बच्चे के कुपोषण का स्तर परिलक्षित होने लगेगा। अब आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को ग्रोथ रजिस्टर नहीं भरना पड़ेगा। पोषण ट्रेक्टर से गर्भवती महिला का पंजीयन करने पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रतिदिन किस गर्भवती महिला की जाँच करानी है अथवा किस गर्भवती महिला को गृह भेंट के माध्यम से परामर्श देना है, यह जानकारी भी उपलब्ध रहेगी। पोषण ट्रेकर एप्लीकेशन के संचालन के लिए नेट कनेक्टिविटी के लिए प्रदेश की समस्त आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 200 रूपये प्रति माह का भुगतान किया जा रहा है। एप्लीकेशन में निर्धारित मापदंडों अनुसार जानकारी भरने पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 500 रूपये की राशि तथा आँगनवाड़ी सहायिका को 250 रूपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी।

प्रदेश में प्रथम चरण में 27 हजार और द्वितीय चरण में 69 हजार स्मार्ट फोन वितरित करने का कार्य विभाग की प्राथमिकता में है। इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। साथ ही आँगनवाड़ियों को गोद लेने का कार्य भी निरंतर चल रहा है। प्रदेश में अब तक 71 हजार आँगवाड़ियों को जन-प्रतिनिधि और नागरिकों ने गोद लिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button