आचार्य प्रवर के मुखारबिंद से मुमुक्षु भाई-बहनों ने अंगीकार की जैन दीक्षा
अमिताभ पाण्डेय
भोपाल ।( अपनी खबर)
श्री हुक्मगछिय शांति क्रांति संघ के पूज्य आचार्य 1008 श्री विजयराज जी मा. सा. द्वारा राजस्थान के ब्यावर नगर में 10 फरवरी को 7 मुमुक्षु भाई एवं 6 मुमुक्षु बहनों की जैन भगवती दीक्षा चतुर्विध संघ की साक्षी में सानंद सम्पन्न हुई।
उक्त जानकारी देते हुए वर्धमान छल्लाणी ने बताया कि ब्यावर की पुण्य धरा धन्य हुई जहाँ इतिहास दोहराया गया है। ऐसा ही सुखद योग आचार्य श्री विजयराज जी म. सा. के दीक्षा के समय रचा गया था। हुक्मगच्छ के 500 वर्षों के इतिहास में पहली बार 7 वैरागी मुमुक्षु भाईयों की दीक्षा हुई है। इस शुभ अवसर पर माता पिता ने अपने दोनों बच्चों के साथ दीक्षा लेकर समाज के सामने आदर्श स्थापित किया ।
आचार्य भगवन ने स्थविर प्रमुख श्री शांतिमुनिजी महाराज साहब को गणाधिपती की उपाधि से अलंकृत किया एवं श्री जितेशमुनिजी महाराज साहब को उपाध्याय की पदवी प्रदान की। श्री शांति क्रांति संघ, पूर्वी क्षेत्र के सभी संघ सदस्यों ने दीक्षा की अनुमोदना करते हुवे दीक्षार्थी भाई-बहन अपने लक्ष्य में आगे बड़े ऐसी मनोकामना की।