भोपालमध्य प्रदेश

पारंपरिक नृत्य शैली में प्रस्तुत हुआ नर्मदाष्टक और शांति मंत्र

भोपाल
भोपाल हाट में हैंडलूम एक्सपो के अंतिम दिन उड़िया शैली के पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति हुई। प्रसिद्ध नृत्यांगना जोड़ी कल्याणी और वैदेही फगरे ने नर्मदाष्टक और शांति मंत्र के श्लोकों पर अपनी भाव भंगिमाओं से दर्शकों का मन मोह लिया। दोनों कलाकार देश की सुप्रसिद्ध उड़िया कलाकार बिंदु जुनेजा की शिष्य हैं। त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे श्लोक की पंक्तियों पर नृत्यांगना ने नर्मदा की अविचल धारा को अपनी अदाओं के माध्यम से पेश किया। नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नदी है। लोक कथाओं में नर्मदा माँ का स्वरूप है। उड़िया कलाकारों ने माँ के वात्सल्य रूप को वाद्य यंत्रों के संगीत से बखूबी भोपाल हाट के मुक्ताकाश पर उतारा।

उड़िया नृत्य मंदिरों के प्रांगण से निकला है और भक्ति रस से ओतप्रोत है। मंदिरों के पत्थरों पर उकरी मूर्तियों की बनावट से यह प्रेरित है। दर्शकों ने इस नृत्य प्रस्तुति को देखकर खूब तालियाँ बजाई और कलाकारों की हौसला अफजाई की। यह सांस्कृतिक प्रस्तुति संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगमद्वारा आयोजित हैंडलूम एक्स-पो में राज्य-स्तरीय कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा पुरस्कार वितरण समारोह के पश्चात आयोजित की गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button