पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने कलेक्टरों को दिए निर्देश, गांव में उपलब्ध कराएंगे हाट, भवनों की दुकानें
भोपाल
राज्य सरकार अब गांव के पारंपरिक उद्यमियों को गांव में ही जमीन और दुकानें उपलब्ध कराएगी। इसके जरिये ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और स्थानीय व पारंपरिक उद्यम विकास के काम में तेजी लाई जा सकेगी। इसी के चलते सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में ग्राम पंचायतों और ग्रामों के आर्थिक विकास के लिए अब ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए गांवों में पारंपरिक उद्यमों को बढ़ावा दिया जाएगा। ऐसे उद्यमियों के लिए पंचायत में उपलब्ध भवन और भूमि देकर उनके उद्यम को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे पंचायत की आमदनी बढ़ेगी और स्थानीय उद्यमियों को गांव में ही रोजगार स्थापित कर स्वयं के आर्थिक विकास करने का मौका मिल सकेगा।
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने इसको लेकर सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि गांव के पारंपरिक उद्यमी जैसे नाई, बढ़ई, बसोर, कुम्हार, लोहार आदि की गतिविधियों को इस अभियान में बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिए पूर्व से निर्मित भवनों जैसे ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, स्वच्छता काम्प्लेक्स और पंचायत द्वारा निर्मित अन्य भवनों व उसके परिसर व उससे सटी पंचायत की भूमि इसके लिए उन्हें एक निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत दी जा सकती है। इसके साथ ही पंचायतों में हाट के लिए बनाई गई दुकानों जिनका उपयोग नहीं हो रहा है और वे रिक्त पड़ी हैं वहां पारंपरिक ग्रामीण उद्यमियों को स्थान उपलब्ध कराया जाए। उससे जो आमदनी प्राप्त होगी, उसका उपयोग भवनों की मरम्मत व अन्य विकास कार्यों में किया जाए। पंचायतों में ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के लोगों को लाभ दिलाने और कौशल विकास व उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे पारंपरिक उद्यमियों की मदद करने का काम भी पंचायतों में कराया जाए ताकि ग्रामीण विकास में तेजी आए।