मध्य प्रदेश

पांच दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ती रही प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा, पूर्व छात्र ने ही पेट्रोल डालकर लगा दी थी आग

इंदौर ।    इंदौर के बीएम कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड फार्मेसी की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा अंततः जिंदगी की जंग हार गई। पांच दिन पहले उन्हें कालेज के ही पूर्व छात्र ने पेट्रोल डालकर जला दिया था। जिंदगी और मौत के बीच पांच दिन चले द्वंद के बाद शनिवार तड़के चार बजे प्रोफेसर विमुक्ता शर्मा ने चोइथराम अस्पताल में दम तोड़ दिया। शनिवार को जिला अस्पताल में उनका पोस्टमार्टम किया गया और फिर शव को स्वजनों को सौंप दिया गया। आरोपित छात्र आशुतोष श्रीवास्तव पर कलेक्टर डा. इलैयाराजा टी ने रासुका लगा दी। पुलिस ने आपराधिक प्रकरणों की जानकारी सहित रासुका का प्रस्ताव भेजा था।

क्या है मामला

इंदौर के सिमरोल थाना क्षेत्र में 20 फरवरी 2023 को अंकसूची न मिलने से गुस्साए कालेज के पूर्व छात्र ने महिला प्राचार्य पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। इससे प्राचार्य करीब 90 प्रतिशत जल गई और गंभीर अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार शाम करीब 4.30 बजे सिमरोल स्थित बीएम कालेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा कालेज से घर जाने के लिए निकली थीं। वे पार्किंग में खड़ी कार के पास बेलपत्र तोड़ रही थीं। इसी दौरान कालेज का पूर्व छात्र आशुतोष पुत्र संतोष श्रीवास्तव निवासी नागदा, उज्जैन डिब्बे में पेट्रोल लेकर आया और उन पर छिड़क दिया। वे कुछ समझ पातीं, इससे पहले उसने आग लगा दी। गंभीर अवस्था में उन्हें इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डीआइजी ग्रामीण चंद्रशेखर सोलंकी के मुताबिक कालेज में प्राचार्य को आग लगाने के मामले में आरोपित आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपित भी झुलसा

सिमरोल क्षेत्र के बीएम कालेज के फार्मा विभाग में विमुक्ता शर्मा प्राचार्य हैं। आरोपित आशुतोष श्रीवास्तव कालेज का पूर्व छात्र है। पुलिस के मुताबिक, घटना के दौरान आरोपित आशुतोष भी आग की चपेट में आ गया। उसका हाथ और सीना झुलसा है। सिमरोल थाना पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।

तिंछा फाल चला गया था आरोपित

पुलिस के मुताबिक, आरोपित आशुतोष प्राचार्य को जलाने के बाद तिंछा फाल चला गया था। यहां वह आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा था, तभी यहां तैनात चौकीदार ने उसे देख लिया। उसने डायल 100 पर फोन कर सूचना दी। इसके बाद पुलिस की टीम तिंछा फाल पहुंची और कुछ पुलिसवालों ने उससे सिविल ड्रेस में बात की। उसे बातों में उलझाया और पकड़ लिया। इसके बाद उसे थाने लेकर पहुंचे।

ऐसे की थी तैयारी

आरोपित घटना वाले दिन खंडवा रोड से बाइक में पेट्रोल भरवाकर पहुंचा था। इसके बाद उसने बाल्टी की जुगाड़ की। बाल्टी में पेट्रोल निकाला और घटनास्थल पर जाकर प्रोफेसर पर पेट्रोल डाला और लाइटर से आग लगा दी।

रिजल्ट नहीं मिलने से था नाराज

पूछताछ में आशुतोष ने बताया कि वह सातवें सेमेस्टर में फेल हो गया था। इसके बाद सातवें और आठवें सेमेस्टर की परीक्षा साथ में दी थी। परीक्षा का रिजल्ट जुलाई 2022 में आ गया था, लेकिन बार-बार कालेज जाने के बाद भी मार्कशीट नहीं दी जा रही थी। इसी बात से गुस्सा होकर घटना को अंजाम दिया। पुलिस को पता चला है कि पूर्व में भी आशुतोष ने कालेज के प्रोफेसर विजय पटेल पर चाकू से जानलेवा हमला किया था।

छात्र के खिलाफ पहले भी की शिकायत

बताया जा रहा है कि छात्र पहले भी प्राचार्य को परेशान कर चुका है। वह कई बार उन्हें धमकी भी दे चुका था। प्राचार्य ने इसकी शिकायत थाने पर की थी, लेकिन मामूली बात समझकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। छात्र बार-बार कालेज में अपनी अंकसूची लेने के लिए जाता था।

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