ओबीसी आरक्षण पर सदन में घमासान, कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव को BJP ने बताया पश्चाताप
भोपाल
ओबीसी आरक्षण पर बीजेपी और कांग्रेस में सियासी घमासान मचा है. शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधानसभा में ओबीसी आरक्षण पर कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि न परिसीमन, न रोटेशन, न ओबीसी आरक्षण. यह है भारतीय जनता पार्टी. उधर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के मानहानि का नोटिस दिए जाने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस अब इस तरह से पश्चाताप कर रही है.
पंचायत चुनाव के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आदेश दिया था, जिसके बाद से ही मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही है. नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि न परिसीमन, न रोटेशन, न ओबीसी आरक्षण. यह है भारतीय जनता पार्टी. सब कुछ सामने आ गया है, अब कुछ भी छिपा नहीं है, बीजेपी की आत्मा की आवाज अब उभर कर सामने आई है. ओबीसी आरक्षण पर सदन में चर्चा के लिए स्थगन का प्रस्ताव दिया है.
ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. कांग्रेस नेता विवेक तन्खा के 10 करोड़ रुपए के मानहानि के नोटिस पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर किसी ने कोई भी बयान नहीं दिया है, न मुख्यमंत्री कुछ बोले और न ही भूपेंद्र सिंह. आखिर कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर कोर्ट गई ही क्यों थी, कांग्रेस को पता था कि चुनाव में कांग्रेस जीत नहीं सकती और इसी को लेकर कोर्ट की शरण जाती है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेसी नहीं बीजेपी का विधायक भी यदि कोई जनता से जुड़ी समस्या सदन में उठाएगा तो सरकार गंभीरता से इस पर चर्चा कराएगी. कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में हमेशा टांग अड़ाने की कोशिश की है, प्रदेश में यदि वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा करने का काम करती है तो वह कांग्रेस है.