नए साल पर शिवराज सिंह चौहान का मास्टर स्ट्रोक, 6 हजार अवैध कॉलोनियां हो सकती है वैध
भोपाल
प्रदेश में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ होेते ही नगरीय निकायों के चुनाव होना तय है। ऐेसे में सरकार द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने का बड़ा फैसला लिया जा रहा है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ऐलान भी कर चुके हैं। निकाय चुनाव आने तक यानि एक साल के अंदर लगभग 6 हजार कॉलोनियां वैध हो जाएंगी। यह भी तय है कि शिवराज सरकार के इस फैसले से जहां धन वर्षा होगी, वहीं वोट भी गिरेंगे। नगर निगम चुनावों में यह कॉलोनियां हर बार मुद्दा बनती हैं। इस बार सरकार इस समस्या को खत्म करने के मूड में हैं। ऐसी कॉलोनियां इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में ज्यादा हैं।
दरअसल, यह मामला काफी विवादित चल रहा है। पहले सरकार द्वारा अवैध कॉलोनी को वैध करने की स्थिति में 150 रुपए प्रति वर्ग मीटर सामान्य विकास शुल्क लिया जाता था। बाद में यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा और प्रक्रिया थम गई। अभी नई पॉलिसी में यह शुल्क कितना होगा, इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। कुछ अफसरों का मानना है कि विकास शुल्क पिछले बराबर ही रखा जाए तो कुछ बढ़ाने के पक्ष में भी हैं। हालांकि, इसका खुलासा अगले सप्ताह तक होने की उम्मीद है। लेकिन अगर शुल्क पिछला यनि कि 150 वर्ग मीटर अर्थात 46 रुपए वर्गफीट ही मान लें तब भी 6000 कॉलोनियां हैं। एक कॉलोनी में औसतन 100 घर ही जोड़ेंं तो घरों का आंकड़ा ही 6 लाख तक पहुंचता है। ऐसे में सरकार को अरबों रुपए का रेवेन्यू मिलेगा।
अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोग इस बात से नाराज रहते हैं कि उनसे प्रापर्टी टैक्स आदि से वसूला जाता है, पर अवैध कॉलोनियों के चलते विकास कार्य नहीं हो पाते हैं। कई बार यह नाराजगी सरकार तक पहुंचती है। अब 6 हजार कॉलोनियां हैं और इनमें लगभग 6 लाख घर हैं। इतने घरों में 15 से 18 लाख मतदाता होते हैं, जो सीधे लाभान्वित होंगे और निश्चित तौर पर इसका लाभ सरकार को मिलेगा। यही कारण है कि आने वाले समय में सरकार इसे अपनी एक उपलब्धि के रूप में पेश करेगी। इसकी भी तैयारी अभी से हो गई है।