जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री की हठधर्मिता और जिम्मेदारों की लापरवाही ने छीन लिया घर का चिराग!
मृतक अशोक मेवाड़ा के परिजनों ने लगाया आरोप, फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी के कारण बेटे को कैंसर हुआ और मौत हो गई

सीहोर। जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव पिपलियामीरा में चल रही जयश्री गायत्री फूड प्राइवेट लिमिटेड (पनीर फैक्ट्री) की हठधर्मिता और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। अब परिवार पर भरण-पोषण का संकट भी है तो वहीं बूढ़े माता-पिता एवं मृतक के दो छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी का भी सवाल है।
ग्राम पिपलियामीरा निवासी नारायण सिंह मेवाड़ा के बेटे अशोक मेवाड़ा (35) की मौत कैंसर के कारण हो गई। कैंसर का पता भी उन्हें 6-8 माह पहले ही लगा, इसके बाद उसका इलाज भी कराया, लेकिन जान नहीं बच सकी। अब परिजन आरोप लगा रहे हैं कि उनके बेटे की मौत का कारण जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री है। फैक्ट्री से निकलने वाले कैमिकलयुक्त जहरीले पानी के कारण उनके बेटे को कैंसर हुआ और अब उसकी मौत हो गई है। दरअसल ग्राम पिपलियामीरा में स्थित जल स्त्रोतों की सेहत कैमिकलयुक्त पानी के कारण इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि यहां के 80 प्रतिशत लोग बीमार हो रहे हैं। गांव के 5-6 लोगों की मौत अब तक कैंसर से हो चुकी है तो वहीं कई लोगों की किडनियां खराब हो रही हैं, फेफड़े खराब हो गए हैं। खुजली जैसे शिकायतें भी ज्यादातर ग्रामीणों को हो रही है। ज्यादातर लोग गोली-दवाइयां लेकर अपना काम चला रहे हैं।
जान की दुश्मन बनी पनीर फैक्ट्री-
जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री की हठधर्मिता के कारण अब लोगों की जानें भी जाने लगी है। वर्ष 2013 से संचालित पनीर फैक्ट्री के दूषित परिणाम अब सामने आने लगे हैं। पिछले तीन-चार सालों में लोगों को ज्यादा परेशानियां आ रही हैं। जब फैक्ट्री शुरू हो रही थी तो स्थानीय लोगों ने सोचा था कि फैक्ट्री से क्षेत्र का विकास होगा, गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा, किसानों को काम-धंधा मिलेगा, लेकिन अब तो यह फैक्ट्री यहां के लोगों की जान की दुश्मन बन चुकी है। स्थिति यह है कि आए दिन लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
घर में कमाने वाला एकलौता था अशोक-
कैंसर के कारण अपनी जान गंवाने वाले अशोक मेवाड़ा के बुजुर्ग पिता की आंखों में आंसु हैं और वे अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहते हैं कि उनके परिवार का भरण-पोषण करने वाला उनका बेटा चला गया। अब हमारे परिवार का भरण-पोषण कौन करेगा। मृतक अशोक मेवाड़ा मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। घर में बुजुर्ग माता-पिता के अलावा पत्नी रचना मेवाड़ा एवं दो छोटे-छोटे बेटे शिव मेवाड़ा 6 वर्ष एवं वंश मेवाड़ा 4 वर्ष है। बड़ा बेटा वंश मेवाड़ा कहता है कि मैं पढ़ना चाहता हूं, लेकिन मेरे पापा कहीं चले गए हैं अब कौन पढ़ाई कराएगा। परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहद कमजोर है। गांव में एक छोटा सा टूटा-फूटा मकान बना हुआ है, जिसमें अशोक मेवाड़ा के परिजन रह रहे हैं। उन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान भी नहीं मिला है। गांव के ही मांगीलाल मेवाड़ा बताते हैं कि अशोक के घर की स्थिति बेहद खराब है। अब तो यह चिंता हो रही है कि उसके परिवार का क्या होगा? कौन उनका भरण-पोषण करेंगे।
इनका कहना है-
कैमिकलयुक्त पानी के कारण यदि मौत हुई है तो जांच कराएंगे। फैक्ट्री प्रबंधन को 133 के तहत आर्डर कर रहे हैं। फैक्ट्री से कैमिकलयुक्त पानी निकालना बंद कराया जाएगा।
– ब्रजेश सक्सेना, एसडीएम, सीहोर
हमारा बेटा अशोक मेहनत, मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। घर में आधा एकड़ जमीन है उससे गुजारा नहीं होता। उसकी मौत का कारण पनीर फैक्ट्री से निकलने वाला कैमिकलयुक्त पानी है, जिसके कारण हमारे कुएं, नदी सब दूषित हो गए हैं और इसी जहर ने हमारा बेटा छीन लिया।
– नारायण सिंह मेवाड़ा, मृतक अशोक के पिताजी