भोपालमध्य प्रदेश

विद्यार्थियों का मूल्यांकन आदर्श पद्धति से वर्षभर की गतिविधियों पर आधारित होगा- राज्य मंत्री परमार

भोपाल

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में विद्यार्थियों का मूल्यांकन आदर्श पद्धति से वर्षभर की गतिविधियों पर आधारित होगा। इसके लिए पृथक से नीति बनाई जा रही है। इसमे कंप्यूटर आधारित शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राज्य मंत्री परमार मंत्रालय में ईएफए शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालाघाट में कंप्यूटर लैब का वर्चुअली उद्घाटन कर रहे थे। परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ ईएफए विद्यालयों में कक्षा आठवीं और नौवीं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कुल 240 घंटो की क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। कंप्यूटर लैब की उपलब्धता से इस विषय की पढ़ाई में छात्राओं को सुगमता होगी।

दूसरे राज्यों की भाषा सिखाई जाएगी

राज्य मंत्री परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश पूरे देश में ऐसा राज्य बनने की ओर अग्रसर है जो भाषा के आधार पर सभी राज्यों को जोड़ेगा। दक्षिण भारत के राज्यों की भाषाएं प्रदेश के विद्यार्थियों को सिखाई जाएगी। जब हमारे राज्य के विद्यार्थी दूसरे राज्य में जाकर उनकी भाषा मे बात करेंगे तब वहां के निवासी हिंदी सीखने के लिए आकर्षित होंगे। इस तरह भाषा के माध्यम से उत्तर और दक्षिणी भाग के निवासियों के बीच मतभेद दूर होंगे

राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के निदेशक प्रभात राज तिवारी ने बताया कि प्रदेश के सभी ईएफए स्कूलों में 30-30 कंप्यूटरों की लैब की सुविधा प्रदान की जा रही है। शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालाघाट में 100 कंप्यूटर की लैब विकसित की गयी है, क्योंकि इस विद्यालय में स्टेनो टाइपिंग की परीक्षा भी आयोजित की जाती है।

इस अवसर पर प्रदेश के सभी ईएफए स्कूलों के प्राचार्य और संबंधित विद्यालय के छात्र-छात्राएँ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।

 

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