मध्य प्रदेश

इस्कॉन के मायापुर मुख्यालय में प्रतिष्ठित होगी उज्जैन में बनी श्रील प्रभुपादजी की मूर्ति

 उज्जैन ।   पश्चिम बंगाल के मायापुर में बन रहे विश्व के सबसे बड़े इस्कान मंदिर में उज्जैन में बनी श्रील प्रभुपादजी की मूर्ति प्रतिष्ठित होगी। श्रील प्रभुपादजी के साथ उनके चार गुरुओं की मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी। इन मूर्तियों की खास बात यह है कि यह सैंकड़ों साल तक खराब नहीं होती है। इन सभी मूर्तियों का निर्माण रियलस्टिक मूर्तिकार अमल भक्तदास प्रभुजी ने किया है।

विश्व का पहला रियलस्टिक मूर्ति निर्माण संस्थान

उज्जैन    उज्जैन के इस्काॅन मंदिर में विश्व का पहला रियलस्टिक मूर्ति निर्माण संस्थान है, जहां बनी हुई मूर्तियां देश विदेश के कोने-कोने में भेजी जाती हैं। इसका संचालन रियलस्टिक मूर्तिकार अमल भक्तदास प्रभु द्वारा किया जाता है। उनके हाथों के जादू का ही कमाल है कि मार्बल डस्ट से निर्मित मूर्तियां सजीव लगती हैं। भक्तों को इन मूर्तियों को देखकर जीवंत होने का आभास होता है। यही कारण है कि देश और विदेश में कहीं भी श्रील प्रभुपादजी अथवा इस्कान के अन्य गुरुओं की मूर्ति प्रतिष्ठित करना हो, मूर्ति का निर्माण उज्जैन इस्कान मंदिर में ही होता है।

पहली बार उज्जैन मंदिर के लिए बनाई मूर्ति

प्रभुअमल भक्तदास ने बताया उज्जैन में इस्काॅन मंदिर का निर्माण चल रहा था। पूज्य गुरुदेव भक्तिचारू स्वामीजी महाराज श्रील प्रभुपादजी जैसी दिखाई देने वाली हूबहू मूर्ति बनवाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने देश विदेश से अनेक मूर्तिकारों को बुलवाया,लेकिन उनकी पसंद के अनुसार कोई भी मूर्ति नहीं बना पाया। फिर मैने उनसे मूर्ति बनाने का निवदेन किया, उन्होंने कहा तुम भी कोशिश करके देख लो। गुरु आज्ञा मिलने पर मैने मूर्ति बनाई, जिसे देखकर वें भाव विवह्ल हो गए और उस दिन से यहां मूर्ति प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई।

मार्बल डस्ट से बनाई जाती है मूर्तियां

रियलस्टिक मूर्ति बनाने के लिए मार्बल डस्ट में रेजिन तथा कलर पिगमेंट कैमिकल के साथ फायबर मिलाया जाता है। सूखने के बाद यह मिश्रण पत्थर की तरह सख्त हो जाता है। इससे बनी मूर्तियां सैकड़ों साल तक खराब नहीं हाेती हैं।

छह फीट तक की मूर्तियां

मूर्ति निर्माण संस्थान में साढ़े चार इंच से छह फीट तक की मूर्तियों का निर्माण किया जाता है। इन मूर्तियों की कीमत 1500 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक है। इस्कान के अलावा कोई भी व्यक्ति अथवा संस्थान अपने यहां स्थापित करने के लिए यहां मूर्ति बनवा सकते हैं।

इन संस्थानों के लिए भी बनाई मूर्तियां

देश विदेश के इस्कान मंदिरों के अलावा उज्जैन के मूर्ति निर्माण संस्थान ने वृंदावन स्थित राधा रमण मंदिर, मुंबई की सांईं संस्थान के लिए नारायण बाबा की मूर्ति, कोलकाता के कठिया बाबा संप्रदाय के लिए उनके गुरुदेव की मूर्ति, सोलापुर के रामदास बाबा की मूर्तियों का भी निर्माण किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button