भोपालमध्य प्रदेश

अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति का भी उत्थान हो – ऊर्जा मंत्री तोमर

भोपाल
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि जन-समस्या निवारण शिविर का आयोजन निरंतर होता रहेगा, जब तक हर जरूरतमंद को लाभ नहीं मिल जाता। अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति का भी उत्थान हो इसी सोच से शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की  मंशा है कि कोई भी जरूरतमंद बिना राशन के न रहे।

ग्वालियर में कृष्णानगर पहाड़िया, सिद्ध बाबा का मंदिर मोतीझील वार्ड-5 में लगाये गए जन-समस्या निवारण शिविर में ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि गरीबों एवं असहाय लोगों के लिए काम करना सबसे बडा पुण्य का काम है। उन्होंने कहा कि आपका सेवक आपकी सेवा हमेशा करता रहेगा।

ऊर्जा मंत्री तोमर द्वारा आमजनों की समस्याओं के निराकरण के लिए लगाये शिविर में विद्युत 250, राजस्व 410, कामकाजी व हाथठेला कार्ड 300, पेंशन 70, लोक सेवा गांरटी 150, पात्रता पर्ची व समग्र आईडी 130, आयुष्मान 150, भवन निर्माण 300 अमृत 20, खाद्य विभाग 8 आधार कार्ड 70 व अन्य योजनाओं सहित 2200 से अधिक आवेदन आये। इन समस्याओं को मंत्री तोमर ने  बारी-बारी से सुना और उनमें से कुछ समस्याओं का निदान तुरंत किया तथा कुछ सबंधित विभाग के अधिकारी को भेज कर जल्द ही आम जनों को लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

कल्याणी पेंशन का प्रमाण पत्र पाकर, खुशी-खुशी घर लौटीं श्रीमती भगवती व भूरी बाई
मोतीझील पहाडिया निवासी 80 वर्षीय श्रीमती भगवती बाई ने बताया कि उसको पिछले 30 वर्ष से विधवा पेंशन नही मिल रही थी। शिविर के माध्यम से आज ही पेंशन मिलने पर श्रीमती भगवती बाई ने मंत्री तोमर का धन्यवाद देते हुए कहा कि मैने विधवा पेंशन के लिए कई बार प्रयास किया परंतु कोई न कोई कमी बताकर मेरी पेंशन रूक जाती थी। परंतु इस शिविर में आने से मुझे पेंशन मिलने जा रही है। इसी प्रकार श्रीमती भूरी बाई और श्रीमती भगवान देवी को भी पिछले कई वर्षो से पेंशन नही मिल रही थी। शिविर में आने से उनकी समस्या का भी निदान हो सका।

आयुष्मान कार्ड, वृद्धा, कल्याणी पेंशन और कामकाजी महिलाओं के कार्ड वितरित किये
जन-समस्या निवारण शिविर में हितग्राहियों के आयुष्मान, वृद्ध व विधवा पेंशन, कामकाजी महिला एवं हाथठेला के आवेदन आये। जन-कल्याण अधिकारी द्वारा उनके आवदनों का शिविर में ही सत्यापन कर, पात्र हितग्राहियों को ऊर्जा मंत्री तोमर द्वारा प्रमाण-पत्र दिये गए।

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