ग्वालियरमध्य प्रदेश

जल-जीवन मिशन के जहां काम पूर्ण हो गये है, उनके हैण्डओवर की कार्यवाही 26 जनवरी तक पूर्ण करें

मुरैना
जल जीवन मिशन के तहत जिन ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण हो गया है, उनको हैण्डओवर करने की कार्रवाई 26 जनवरी तक पूर्ण की जाए। इसके साथ ही जिन पंचायतों में कार्य किया जाना शेष है, उनके लिए प्रत्येक जिले का एक्शन प्लान तैयार किया जाए। संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने ग्वालियर-चंबल संभाग में ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए हैं। मोतीमहल के मानसभागार में ग्वालियर-चंबल संभाग में संचालित ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा हुई और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में पीएचई विभाग के चीफ इंजीनियर सहित सभी जिलों के सीईओ जिला पंचायत, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास, संयुक्त संचालक शिक्षा, विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहित संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।                                       
    
संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को समय पर मिले, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही जनकल्याण की योजनाओं का क्रियान्वयन भी तीव्र गति से हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल-जीवन मिशन की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पंचायतों में हर घर को पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ सभी शासकीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिन स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में विद्युत कनेक्शन की दिक्कत है, उनमें विद्युत कनेक्शन की कार्रवाई भी तत्परता से की जाए। संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने बैठक में यह भी निर्देश दिए हैं कि जल जीवन मिशन के तहत जिन ग्राम पंचायतों में कार्य कराया गया है, उनमें कार्य कराने के बाद सड़कों के संधारण का कार्य भी सर्वोच्च प्राथमिकता से पूरा किया जाए। कार्य पूर्ण होने पर योजना का हैण्डओवर भी जिला पंचायत ले। ग्वालियर-चंबल संभाग में जिन-जिन ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण हो गया है, उनमें हैण्डओवर की कार्रवाई 26 जनवरी तक पूर्ण की जाए। इसके साथ ही जिन ग्राम पंचायतों में कार्य किया जाना है, उनकी भी सम्पूर्ण कार्ययोजना तैयार की जाए। बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक ग्राम पंचायत को जल जीवन मिशन के तहत आदर्श पंचायत स्थापित करने का कार्य भी 26 जनवरी तक किया जाए।   
    
शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों के टीकाकरण अभियान की विस्तार से समीक्षा की गई। संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने निर्देशित किया कि स्कूल में दर्ज शतप्रतिशत 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण करने के साथ-साथ ऐसे बच्चे जो स्कूल से ड्रॉप आउट हो गए हैं उनका भी चिन्हांकन कर टीकाकरण कराया जाए। ऐसे बच्चों का शिक्षा विभाग पंजीयन भी अवश्य करे। शाला भवनों के निर्माण की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया गया कि स्वीकृत सभी शाला भवनों के निर्माण का कार्य शीघ्रता से पूर्ण हो। उक्त कार्य की निगरानी सीईओ जिला पंचायत करें। संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने यह भी निर्देशित किया है कि नवीन शाला भवन बनने के पश्चात पुराने शाला भवनों का पंचायत संधारण करे और उसका उपयोग भी पंचायत के माध्यम से ही किया जाए। अंकुर अभियान के तहत भी सभी जिलों में वृक्षारोपण करने के साथ-साथ उसको वेबसाइट पर दर्ज करने की कार्रवाई भी तीव्र गति से की जाए।   

महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान निर्देशित किया गया कि मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना के तहत चिन्हित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए। इसके साथ ही स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण तेजी के साथ किया जाए। शहरी क्षेत्र में आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण के लिये स्थान का चयन सीईओ जिला पंचायत, नगर निगम से समन्वय स्थापित कर कराए। आंगनबाड़ी के बच्चों को स्कूल दिखाने का करें नवाचार संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने समीक्षा बैठक में कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में ऐसे बच्चे जो अगले वर्ष स्कूल में प्रवेश ले सकते हैं, उन्हें एकत्र कर स्कूल में लाया जाए और स्कूल की गतिविधियों के संबंध में जानकारी दी जाए। ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में 15 जनवरी को एक कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को स्कूल का अवलोकन कराया जाए। इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए। इस कार्यक्रम के माध्यम से शालाओं में बच्चों का पंजीयन बढ़ेगा। शिक्षा विभाग और महिला व बाल विकास विभाग इस कार्यक्रम को संयुक्त रूप से आयोजित करें। बैठक में ग्रामीण विकास की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की भी विस्तार से समीक्षा की गई और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

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