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हिंद महासागर में भारत के लिए अमेरिका है खतरा, चीन नहीं; बोला ड्रैगन

नई दिल्ली

भारत और फ्रांस द्वारा ब्लू इकॉनमी पर साइन किए जाने और महासागरीय शासन को लेकर चीन भड़क गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मामले को लेकर कहा है कि भारत चीन को आक्रामक दिखाकर चीन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। अखबार ने लिखा है कि भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर की पेरिस यात्रा के दौरान बीजिंग के खिलाफ चीन द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के कर्ज के जाल और भारत के आसपास अवैध रूप से मछली पकड़ने जैसे निराधार आरोप लगाए गए हैं।

दोनों पक्ष द्वारा सहमत इलाके में काम कर रहे मछुआरे

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर साउथ चाइना सी स्टडीज के सहायक शोध साथी चेन जियांगमियाओ ने ग्लोबल टाइम्स से बात करते हुए कहा है कि चीन के सभी नागरिक जहाजों को सशस्त्र नहीं होना चाहिए। इसका चीनी अधिकारियों द्वारा कड़ाई से पालन किया जाता है और मछुआरे केवल पानी में काम कर रहे हैं जहां चीन और संबंधित देश सहमत हैं। सिंघुआ विश्वविद्यालय में नेशनल स्ट्रेटजी स्कूल में रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कियान फेंग ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान भारत और चीन के बीच गलतफहमियों को बढ़ा रहे हैं।
 

हिंद महासागर में चीन कभी भी भारत के लिए खतरा नहीं

कियान ने अप्रैल 2021 में एक घटना का हवाला देते हुए बताया कि उस वक्त एक अमेरिकी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक ने भारत के शासन का उल्लंघन किया था और भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में पहुंच गए थे। उन्होंने कहा है कि वह अमेरिका है जिससे हिंद महासागर में भारत की सुरक्षा को खतरा है। चीन ने कभी ऐसा नहीं किया है।  अखबार ने लिखा है कि हिंद महासागर में चीन कभी भी भारत के लिए खतरा नहीं रहा है। दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाले दो देशों के रूप में चीन समुद्री क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग के लिए जगह साझा करता है।

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