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 अनूप कुमार मेंदीरत्ता दिल्ली हाई कोर्ट में बतौर न्यायाधीश न्यायिक क्षेत्र में लौट 

नई दिल्ली। करीब ढाई साल तक केंद्रीय विधि सचिव के रूप में सेवाएं देने के बाद अनूप कुमार मेंदीरत्ता दिल्ली हाई कोर्ट में बतौर न्यायाधीश न्यायिक क्षेत्र में लौट रहे हैं। उन्होंने कार्यपालिका और न्यायपालिका दोनों क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। वह सोमवार को न्यायाधीश के रूप में शपथ ले सकते हैं। दिल्ली न्यायिक सेवा के अधिकारी मेंदीरत्ता ने दोनों ही भूमिकाओं में दुर्लभ पहचान बनायी है। वह केंद्रीय कानून सचिव नियुक्त किये जाने वाले पहले जिला न्यायाधीश थे।

न्यायपालिका के क्षेत्र में उनकी वापसी से एक अन्य रिकार्ड बना है। वह उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किये जाने वाले पहले केंद्रीय विधि सचिव हैं। मेंदीरत्ता ने 1987 में वकील के रूप में कानून की दुनिया में तब कदम रखा था, जब उन्होंने उस समय न्यायमूर्ति वाल्मिकी जे मेहता के अधीन काम किया था, जब वकालत किया करते थे। मेंदीरत्ता ने बाद में जिला न्यायालयों और दिल्ली उच्च न्यायालय में पंडित आर के शर्मा के साथ वकालत की।

न्यायिक सेवाओं से दिल्ली सरकार में पहले संयुक्त सचिव (कानून, न्याय, विधायी कार्य) के रूप में पदस्थापन ने उन्हें कानूनों का मसौदा बनाने और कानून तैयार करने तथा दिल्ली में न्यायिक जिलों के विभाजन पर रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने में मदद की। बाद में वह दिल्ली सरकार में प्रधान सचिव (कानून, न्याय और विधायी सचिव) बने।

उन्होंने कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में दिल्ली विवाद निस्तारण सोसायटी का कामकाज भी संभाला एवं प्रशिक्षित मध्यस्थ के रूप में मध्यस्थता प्रक्रिया संचालित की। अक्टूबर, 2019 में मेंदीरत्ता केंद्रीय विधि सचिव बनाये गये।

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