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बीरभूम हिंसा:ममता सरकार पर हाई कोर्ट सख्त ,24 घंटे में मांगी रिपोर्ट, गवाहों की सुरक्षा के आदेश

कोलकाता
बीरभूम हिंसा मामले (Birbhum Violence) में कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से आज गुरुवार दोपहर 2 बजे तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और घटनास्थल की 24 घंटे निगरानी के आदेश भी दिए हैं। बीरभूम जिले के एक गांव में एक दिन पहले कुछ मकानों में आग लगा दी गई जिसमें जिंदा जल कर आठ लोगों की मौत हो गई थी।

घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए ममता सरकार को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में सीसीटीवी कैमरे लगाए और घटना स्थल की 24 घंटे निगरानी करे। कोर्ट ने दिल्ली से एक फरेंसिक टीम को जांच के लिए मौके से तुरंत सबूत इकट्ठा करने का निर्देश दिया है। राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जिला न्यायाधीश के परामर्श से प्रत्यक्षदर्शियों की तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।हाई कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि कोई सबूत नष्ट न होने दें। जिला अदालत और राज्य के डीजीपी को हर ग्रामीण और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। यदि कोई पोस्टमार्टम लंबित है, तो उसकी वीडियोग्राफी करनी होगी। गौरतलब है कि इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इस केस की जांच लेने की बात भी कही थी। नेशनल एजेंसी ने कोर्ट को कहा कि अगर उच्च न्यायालय आदेश देता है तो वो इस मामले की जांच को ले सकते हैं।

दिल्ली से जांच के लिए आएगी फरेंसिक टीम
बीरभूम हिंसा में पीआईएल दाखिल करने वाले वकील ने ही दिल्ली से फरेंसिक टीम भेजने की मांग की थी।  कोर्ट ने बताया गया कि दो गवाहों की मौत हो गई है। पीआईएल दाखिल करने वाले वकील ने बताया कि बंगाल की सेंट्रल फरेंसिक साइंस लैब (सीएफएसएल) को नहीं पता कि मामले की जांच कैसे की जाए। सबूत महत्वपूर्ण हैं और एक हफ्ते के अंदर कोई सबूत नहीं छोड़ा जाएगा। वकील ने कोर्ट ने दिल्ली से सीएफएसएल की टीम भेजने की अपील की।

गोधरा कांड जैसा वीभत्स बीरभूम हिंसा
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि यह घटना गोधरा कांड जैसी वीभत्स है जहां ट्रेन में लोगों को जिंदा जला दिया गया था। वहीं सीबीआई ने हाई कोर्ट से कहा कि अगर हाई कोर्ट आदेश दे तो एजेंसी मामले की जांच अपने हाथ में लेने को तैयार है।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कोई भी सबूत नष्ट न होने पाए। जिला अदालत और राज्य के शीर्ष पुलिस कर्मी को प्रत्येक ग्रामीण और गवाह की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगाी। कोर्ट ने कहा कि अगर अटॉप्सी लंबित हैं तो उनकी वीडियोग्राफी कराई जाए।

बीरभूम घटना पर सियासत तेज, बीजेपी प्रतिनिधिमंडल पहुंचा गांव
बीरभूम हिंसा मामले में बंगाल में सियासत गरमा रही है। नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल बीरभूम के रामपुरहाट गांव पहुंचा है जहां मंगलवार को घटना घटी। गुरुवार को सीएम ममता बनर्जी भी स्थिति का जायजा लेने के लिए बीरभूम जाएंगी। स्थानीय टीएमसी नेता की हत्या के बाद यहां तनाव फैला और कुछ घरों को बंद करके आग लगा दी गई जिसमें 8 की जिंदा जलकर मौत हो गई।

 

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