40 घंटे तक थमी रहीं सांसें, चली गईं तीन जानें; बचाव अभियान समाप्त
देवघर
झारखंड के देवघर में रोपवे हादसे के बाद फंसे लोगों को निकालने के लिए चला ऑपरेशन समाप्त हो गया है। 40 घंटे तक चले इस मुश्किल और लंबे ऑपरेशन के दौरान तीन लोगों की दर्दनाक मौत भी हो गई। यह हादसा ऐसा था, जिसके चलते लोगों की सांसें अटक गईं और वे जीवन और मौत के बीच फंसे हुए थे। इस अभियान के दौरान जिन तीन लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो लोग तो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ही करीब 1,500 फीट की ऊंचाई से आ गिरे थे। दरअसल रविवार को शाम 5 बजे देवघर के त्रिकूट में यह हादसा हुआ था, जब रोपवे पर दो केबल कार आपस में टकरा गई थीं। इसके चलते रोपवे का संचालन ही पूरी तरह से ठप हो गया और 70 लोग फंस गए।
हादसे के बाद से ही लोगों को निकालने की कोशिशें की जाने लगीं और अंत में भारतीय वायुसेना के विमानों को भी इस बचाव अभियान में तैनात किया गया था। यह अभियान मंगलवार को दोपहर तक चला। आज भी करीब 12 लोग इस अभियान के तहत बचाए गए। इस हादसे की भयावहता को इस बता से समझा जा सकता है कि पहाड़ी पर फंसे हुए लोगों को ड्रोन के जरिए खाने-पीने की चीजें दी गई थीं। इसके अलावा सोमवार रात को बचाव अभियान को रोकना पड़ गया था। पूरे अभियानके दौरान ही करीब तीन लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से एक शख्स बंगाल का था, जो हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू के दौरान नीचे गिर पड़ा था।
रेस्क्यू के दौरान 1,500 फीट नीचे गिरी महिला, मौत
इसके अलावा मंगलवार को भी एक महिला रेस्क्यू के दौरान नीचे आ गिरी। उसे हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा था, लेकिन संतुलन बिगड़ा और वह 1,500 फीट नीचे आ गिरी। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं। देवघर के जिला कलेक्टर मंजूनाथ ने कहा कि घायलों को देवघर सदर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है। इस बीच देवघर रोपवे हादसे का झारखंड हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले की जांच का भी आदेश दिया है और 26 अप्रैल तक रिपोर्ट जमा कराने को कहा है।
पीएम मोदी भी ले रहे थे बचाव अभियान का अपडेट
बता दें कि इस हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी भी नजर बनाए हुए थे। उन्होंने होम मिनिस्टर अमित शाह से भी इस मामले की जानकारी ली थी। रोपवे हादसे के बाद फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए सरकार ने आईटीबीपी के जवानों और इंडियन एयर फोर्स को लगाया था। इसके अलावा नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स को भी इसमें तैनात किया गया था।