क्रिसमस, नये साल का जश्न पड़ा भारी, दुनिया में तेजी से बढ़ रहा कोरोना का तूफान, मचा है हड़कंप
नई दिल्ली
जबरदस्त संक्रामक माने जाने वाला कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट पूरी दुनिया में फैल चुका है और पहले क्रिसमस और फिर नये साल का जश्न…इसने मानो ओमिक्रॉन वेरिएंट को और भी ज्यादा संक्रामक बनने का न्योता दिया है। इतना ही नहीं, ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों के एक बड़े हिस्से का मानना है कि, ये वेरिएंट भी अपना स्वरूप बदल सकता है, लिहाजा ओमिक्रॉन को लेकर कई बड़ी चिंताएं हैं। ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है, कि आज 3 जनवरी को विश्व के अलग अलग हिस्सों में ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर क्या स्थिति है।
प्रतिबंधों की वापसी
दुनिया भर के देशों ने यात्रा प्रतिबंधों को लागू कर दिया है और कोविड संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई तरह के दिशानिर्देशों को लागू किया है। अलग अलग देशों में अपने अपने तरीके से कोरोनावायरस से संबंधित प्रोटोकॉल में बदलाव किया जा रहा है। ब्रिटेन में एक तरह भारी संख्या में नये मरीज मिल रहे हैं, तो दूसरी तरफ ब्रिटेन के अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी ने सरकार की परेशानी को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। वहीं, अमेरिका में दर्जनों कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने ऑफलाइन क्लास को बंद कर दिया है और एक बार फिर से ऑनलाइन क्लासेस शुरू हो चुके हैं।
ब्रिटेन की क्या है स्थिति
इंग्लैंड में माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को क्रिसमस की छुट्टियों के बाद कक्षाओं में लौटने पर फेस मास्क पहनना आवश्यक होगा। स्कॉटलैंड और वेल्स के स्कूलों में 11 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छात्रों के लिए मास्क पहनना पूरी तरह से अनिवार्य है। जबकि, यूनाइटेड किंगडम में अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट हर दिन नये नये रिकॉर्ड कायम कर रहा है। देश में स्कूल और कॉलेज बंद होने के बाद पिछले 24 घंटे में एक लाख 89 हजार नये मरीज मिले हैं।
फ्रांस में वैक्सीनेशन पर जोर
फ्रांस में भी ओमिक्रॉन वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है और फ्रांस ने कोविड संक्रमण को रोकने और लोगों की जिंदगी बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगाने और जिन लोगों ने वैक्सीन ले ली है, उन्हें बूस्टर खुराक देने पर जोर जदी है। फ्रांस ने अभी तक अपनी 77 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन दे दी है और अब ये देश धीरे-धीरे बूस्टर खुराक की तरफ बढ़ रहा है। हालांकि, अभी भी फ्रांस में करीब 40 लाख वयस्क अभी भी हैं, जिन्हें वैक्सीन की डोज नहीं दी गई है, जिनमें से करीब 10 लाख लोगों की उम्र 65 से ज्यादा है और कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा इसी तबके को है। फ्रांस ने अमेरिका को ट्रैवल रेड लिस्ट में रखा है और अमेरिका से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। हालांकि, जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली है, वैसे लोगों के लिए अब फ्रांस 5 दिनों का आइसोलेशन रखने पर विचार कर रहा है।
खतरे के बीच इजरायल की चेतावनी
इजरायल में बूस्टर खुराक की शुरूआत हो चुकी है और इजरायल काफी तेजी के साथ अपनी आबादी को कोरोना वायरस वैक्सीन का बूस्टर डोज देने की कोशिश में है, ताकि ओमिक्रॉन का असर देश पर कम से कम हो। वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने कोरोना वायरस को लेकर बड़ी चेतावनी दी है और इसे एक 'तूफान' बताया है। इजरायली प्रधानमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा है कि, देश में हर दिन 10 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल सकते हैं, लिहाजा लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। इजराइल में दैनिक मामले पिछले दो हफ्तों में लगभग 700 से बढ़कर रविवार को 4 हजार से ज्यादा हो गए हैं। प्रधानमंत्री बेनेट ने कहा कि, "ये ऐसी संख्याएं हैं जिन्हें दुनिया नहीं जानती है, और जिन्हें हम भी नहीं जानते हैं।" उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य "हमारे बीच सबसे कमजोर लोगों की रक्षा करते हुए अर्थव्यवस्था को यथासंभव आगे बढ़ाना है। आपको बता दें कि, इजरायल में अब तक कोविड से 8 हजार 244 लोगों की मौत हुई है।
यूएई ने बनाए सख्त नियम
संयुक्त अरब अमीरात ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को देखते हुए काफी ज्यादा सख्त यात्रानियमों की घोषणा की है और 10 जनवरी से उन नागरिकों के देश से बाहर आने और बाहर जाने परप्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, जिन्होंने कोविड का टीका नहीं लिया है। हालांकि, देश से बाहर जानेवाले नियम में सिर्फ वो नागरिक ही शामिल हैं, जो यूएई के रहने वाले हैं। संयुक्त अरब अमीरात केराष्ट्रीय आपातकालीन संकट और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनसीईएमए) ने कहा कि, टीकाकरणकरने वाले नागरिक भी अगर यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें बूस्टर खुराक लेना होगा और बिना बूस्टरखुराक लिए यूएई के नागरिक देश से बाहर की यात्रा नहीं कर सकते हैं।