स्टडी में दावा: कोरोना वैक्सीन न लगती तो देश में बीते साल 42 लाख और लोगों की होती मौत
नई दिल्ली
कोरोना वैक्सीन ने 2021 में भारत में 42 लाख से अधिक संभावित मौतों को रोकने का काम किया। द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में यह दावा किया गया है। यह महामारी के दौरान देश में हुई मौतों की दर के अनुमान पर आधारित है। रिसर्च में पाया गया कि कोविड-19 टीकों से महामारी के दौरान दुनिया भर में 20 मिलियन संभावित मौतें कम हुईं। शोधकर्ताओं ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम के पहले साल में संभावित 31.4 मिलियन मौतों में से 19.8 मिलियन को दुनिया भर में रोका गया। 185 देशों में हुई मौतों के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है। यह भी अनुमान है कि अगर 2021 के अंत तक प्रत्येक देश में 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हुआ होता तो 5,99,300 लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
8 दिसंबर 2020-8 दिसंबर 2021 के बीच का अनुमान
इस अध्ययन में 8 दिसंबर, 2020 और 8 दिसंबर, 2021 के बीच रोकी गई मौतों की संख्या का अनुमान लगाया है। जो कि पहले वर्ष को कवर करता है, जिस दौरान टीके लगाने शुरू हुए थे। स्टडी के प्रमुख लेखक ओलिवर वाटसन ने कहा, "भारत के लिए हमारा अनुमान है कि इस अवधि में टीकाकरण से 42,10,000 मौतों को रोका गया। यह हमारा केंद्रीय अनुमान है, जिसमें अनिश्चितता 36,65,000-43,70,000 के बीच है।"
'टीकाकरण अभियान ने लाखों लोगों की बचाई जान'
वाटसन ने कहा, "इस मॉडलिंग अध्ययन से पता चलता है कि भारत में टीकाकरण अभियान ने लाखों लोगों की जान बचाई है। यह वैक्सीनेशन के अहम प्रभाव को दर्शाता है। विशेष रूप से भारत में जो डेल्टा वैरिएंट की मार झेलने वाला पहला देश था। यह संख्या इस अनुमान पर आधारित है कि महामारी के दौरान देश में 51,60,000 (48,24,000-56,29,000) मौतें हुई होंगी, जो कि अब तक दर्ज की गई 5,24,941 मौतों के आधिकारिक आंकड़े का 10 गुना है।"