साइबर फ्रॉड ने IAS ऑफिसर को बनाया निशाना, रामगढ़ DC के नाम पर की ‘चढ़ावे’ की मांग
रामगढ़
पूरे देश में साइबर अपराध की घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए साइबर कानून बनाए गए हैं ताकि फ्रॉड कर लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा लेने या अन्य तरीकों से नुकसान पहुंचाने वाले अपराधियों पर नकेल कसा जा सके। लेकिन साइबर फ्रॉड नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इनके मंसूबे इतने बुलंद हो गए हैं कि आईएएस अपराधी को भी निशाना बनाने से पीछे नहीं हटते।
मांग रहा था गिफ्ट
ऐसा ही एक वाकया झारखंड के रामगढ़ जिले से हुआ है जहां साइबर फ्रॉड गिरोह ने जिले की सबसे बड़ी अधिकारी डिप्टी कमिश्नर माधुरी मिश्रा को अपना निशाना बनाया है। डीसी के नाम पर एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट क्रिएट किया गया है और जिले के पदाधिकारियों तथा डीसी से संबंधित लोगों को मैसेज भेज कर तरह-तरह के डिमांड रखे जा रहे हैं। जानकारी मिलने पर डीसी ने उस फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट को बंद करा कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में जानकारी मिली है कि डिप्टी कमिश्नर माधुरी मिश्रा की तस्वीर लगा कर मोबाइल नंबर 7249402773 से एक व्हाट्सएप अकाउंट क्रिएट किया गया है। इस एकाउंट से संबंधित अधिकारियों और डीसी के करीब लोगों को उपहार, गिफ्ट आदि देने का मैसेज भेजा जा रहा है।
डीसी ने एकाउन्ट कराया बंद
डीसी का मैसेज देखकर जिले के अधिकारी हैरत में पड़ गए कि डीसी मैडम यह क्या कर रही है। लेकिन बाद धीरे-धीरे डिप्टी कमिश्नर माधुरी मिश्रा तक पहुंच गई । उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी ओर से ऐसा कोई भी मैसेज किसी को नहीं दिया गया है । डीसी ने साइबर एक्सपर्ट के माध्यम से नंबर की पहचान की और अकाउंट को बंद करा दिया है। उसकी तलाश की जा रही है । डीसी लोगों को सावधान किया है कि इस तरीके के फर्जी संदेशों से बचें।
पहले धनबाद डीसी को किया था टारगेट
बता दें कि इसके पहले धनबाद के डिप्टी कमिश्नर संदीप सिंह को शिकार बनाया था । उनके नाम पर भी फर्जी तरीके से उगाही की कोशिश की गई थी । 2 महीने में यह दूसरी घटना है जब साइबर ठगों ने आईएएस पदाधिकारियों के नाम पर अपने स्किल को आजमाने की कोशिश की है। डीसी माधुरी मिश्रा कहा है कि जल्द ही उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई कराई जाएगी ।