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रेजिडेंट डाक्टरों के विरोध पर सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटीशन पर स्वत: संज्ञान लेने की मांग

नई दिल्ली
एनईईटी-पीजी काउंसलिंग में देरी के खिलाफ रेजिडेंट डाक्टरों के विरोध पर स्वत: संज्ञान लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक पत्र याचिका दायर की गई है। एडवोकेट विनीत जिंदल ने रेजिडेंट डाक्टरों द्वारा किए गए विरोध के संबंध में पत्र याचिका दायर की है, जिसका नेतृत्व फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (FORDA) ने किया था।

मारपीट करने वालों पर जांच की मांग
एडवोकेट विनीत जिंदल के मुताबिक, यह सामूहिक विरोध इसलिए हुआ है क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने NEET-PG काउंसलिंग में तेजी लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। याचिकाकर्ता ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट से एनईईटी-पीजी पाठ्यक्रम में आर्थिक आरक्षण से संबंधित मामले पर सुनवाई को टालने और मामले में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने विरोध करने वाले डाक्टरों से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति बनाने के निर्देश भी मांगे। इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को जांच शुरू करने और प्रदर्शनकारी डाक्टरों के साथ मारपीट करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की है।

समाज में डाक्टरों की अहम भूमिका
याचिका में, वकील ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान आपात स्थिति में डाक्टरों द्वारा दी गई अनुकरणीय सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा कि डाक्टर संकट के समय में इस घातक वायरस से मानव जाति के रक्षक हैं। पिछले दो वर्षों में महामारी के दौरान डाक्टरों ने कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति में अनुकरणीय सेवा दी है। उनके सराहनीय प्रयासों और स्वास्थ्य देखभाल की सेवा के प्रति समर्पण के लिए पूरे देश ने उनकी सराहना की है। कोरोना की दूसरी लहर ने पहले ही लोगों के जीवन पर गंभीर प्रभाव छोड़े हैं। अब हम फिर से तीसरी लहर के संकट का सामना कर रहे हैं और ओमिक्रोन प्रकोप की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है।

प्रदर्शन में मारपीट के आरोप
गौरतलब है कि नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी के विरोध में कई अस्पतालों के रेजिडेंट डाक्टरों ने सोमवार शाम दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के पास मार्च निकाला। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शन कर रहे डाक्टरों को हिरासत में लिया गया और दिल्ली पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। देश भर के कई रेजिडेंट डाक्टरों ने NEET-PG काउंसलिंग में देरी के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा हुआ है। वहीं उन्होंने बुधवार से सभी स्वास्थ्य सेवाओं बाधित करने की चेतावनी दी है।

फ्रंटलाइन पर डाक्टरों की कमी
नीट-पीजी परीक्षा जनवरी 2021 में आयोजित होने वाली थी, लेकिन कोरोना की पहली और दूसरी लहर को देखते हुए स्थगित कर दी गई थी। बाद में यह परीक्षा 12 सितंबर, 2021 को आयोजित की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की कानूनी बाधाओं के कारण काउंसलिंग पर फिलहाल विराम लगाया है। जिसके चलते फ्रंटलाइन पर डाक्टरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

 

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