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मध्य प्रदेश में प्रमुख नगरों के बीच 300 किमी की दूरी तक चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें

पहले चरण में भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में लगभग 250 ई-व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रमुख नगरों के बीच सार्वजनिक परिवहन के रूप में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। ये बसें दो से तीन सौ किमी का सफर तय करेंगी। यह घोषणा परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए गोवा में आयोजित एक कार्यशाला में की। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। सरकार ई-वाहन की बैटरी रिचार्ज करने के लिए पहले चरण में भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में लगभग 250 ई-व्हीकल्स चार्जिंग स्टेशन बना रही है। इसके लिए नगरीय निकायों ने आईईआईएल और एनटीपीसी से अनुबंध कर लिया है। मंत्री ने बताया कि चार्जिंग स्टेशनों के स्थान का चयन और भूमि की उपलब्धता के संबंध में प्रक्रिया जारी है।
होगी बैटरी स्वैपिंग की सुविधा-
चार्जिंग स्टेशन के लिए सरकार पेट्रोल पंप मालिकों से चर्चा की जा रही है। इसके लिए सरकार उन्हें लाइसेंस एवं तकनीकी सहायता देने पर विचार कर रही है। चार्जिंग स्टेशन पर बैटरी स्वैपिंग की सुविधा होगी। वाहन चालक के पास समय नहीं है तो वह बैटरी अदला-बदली भी कर सकेगा। यह सुविधा वेंडरों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी और इसकी दरें भी वेंडर तय करेंगे। कार्यशाला में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडे और केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल सिंह भी शामिल हुए
ई-वाहनों को देनी चाहिए सब्सिडी-
परिवहन मंत्री ने ई-वाहन व्यवस्था के प्रभावी एवं व्यापक क्रियान्वयन के लिए सुझाव देते हुए कहा कि जनता अधिक संख्या में वाहन खरीदे, इसके लिए सरकार को फेम-2 योजना के तहत ई-वाहनों को पर्याप्त सब्सिडी देनी चाहिए, ताकि इनकी कीमत पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में अधिक न हो। उन्होंने कहा कि भारत में सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग अधोसंरचना की है। इसके बगैर जनता ई-वाहनों को आसानी से नहीं अपनाती है। इसलिए कम से कम 25 प्रतिशत पेट्रोल पंपों को चिह्नित कर वहां पर ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के निर्देश सरकार को देने चाहिए।

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