देश

ताजमहल को तेजो महालय कहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कभी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भी थे साथ

नई दिल्ली
 इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है, जिसमें विश्व धरोहार ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खोलने अपील की गई है। इसके साथ ही ताजमहल या 'तेजो महालय' का सालों पुराना विवाद एक बार फिर खड़ा हो गया है। इतिहास में कहानी मशहूर है कि मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था, लेकिन 1989 में आई किताब 'Taj Mahal, the True Story: The Tale of a Temple Vandalized' के बाद चर्चाओं का नया दौर शुरू हो गया था। दावा किया गया था कि ताजमहल असल में तेजो महालय है। इस किताब के लेखक पुरुषोत्तम नागेश ओक थे, जो कभी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में लेफ्टिनेंट भी रहे। अब इनके  बारे में विस्तार से जानते हैं…

कहा जाता है कि पीएन ओक अपनी हिंदू विचारधारा इतिहास को दोबारा लिखने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने केवल ताजमहल पर ही नहीं, बल्कि फतेहपुर सीकरी और कई विषयों पर किताबें लिखी। खास बात है कि ताजमहल पर उस दौरान उनकी लिखी हुई किताब पर कांग्रेस सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। इस किताब में उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए कई पुरातत्व और साहित्यिक सबूत पेश किए हैं।

पत्रकार और इतिहासकार भी रहे प्रोफेसर ओक को लेकर यह भी कहा जाता है कि इतिहास को लेकर किए गए शोध ने उनकी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वाली छवि को कमजोर कर दिया था। एक पुराने इंटरव्यू में ओक कहते हैं, 'मैं नेताजी के साथ था। मैं INA में लेफ्टिनेंट था। मैं नेताजी के पास दूसरे नंबर के मेजर जनरल जेके भोंसले का निजी सचिव और एडीसी था। मैं जनरल भोंसले के साथ सिंगापुर, मलय, बर्मा में था।'

 क्या है ताजा मामला
भारतीय जनता पार्टी के नेता रजनीश सिंह की तरफ से इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। उन्होंने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित करने और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से रिपोर्ट दाखिल किए जाने की मांग की गई है। याचिका में यह कहा गया है कि बंद दरवाजों के पीछे हिंदू देवता बंद हैं। भाजपा सांसद दिया कुमारी ने भी दावा किया था कि जिस जमीन पर ताज महल बना है, वह जयपुर के शाही राजघराने की है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button