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RFID टैग से लेकर ड्रोन तक अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा होगी अभेद्य, परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर

 श्रीनगर

दो साल बाद शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कर लिए हैं। पंजाब बार्डर से ही गाड़ियों पर इंडीविजुअल रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन टैग लगा दिए जाएंगे। अमरानाथ जी की यात्रा पर जाने वाले यात्री जैसे ही जम्मू-कश्मीर में दाखिल होंगे, वहीं से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। सुरक्षाबल साउथ बनिहाल को लेकर ज्यादा सतर्क हैं। इसके अलावा जम्मू कैंप से लेकर उमधपुर रूट तक सुरक्षा को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है।

गौरतलब है कि जम्मू से साउथ कश्मीर जाने के लिए यात्री बनिहाल टनल का इस्तेमाल किया करते थे लेकिन साल 2018 में अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। तब से यात्री लखीमपुर होते हुए पंजाब-जम्मू बार्डर के रास्ते से जाते हैं। सीआरपीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक हर यात्री को RFID टैग देने पर विचार चल रहा है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके की यात्री दर्शन के बाद उसी जगह पर सुरक्षित पहुंच सके जहां से उसने यात्रा शुरू की थी। उन्होंने बताया कि ये काफी चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि इसके लिए और भी मॉनिटर की जरूरत पड़ेगी।
 

30 जून से 11 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा पैरामिलिट्री फोर्स की 50 कंपनियों पर होगा। इनमें 40 सीआरपीएफ की कंपनियां शामिल हैं। ड्रोन हमले की आशंका को लेकर भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। पिछले कुछ महीनों में बीएसएफ और सेना ने पंजाब और जम्मू में पाकिस्तान से आए कई ड्रोन को मार गिराया था। बताया जा रहा है कि इनमें से कई ड्रोन ऐसे थे जिनके साथ हथियार भेजे गए थे। आर्मी सूत्रों के मुताबिक एलओसी के पास पिछले कुछ समय में कोई असामान्य गतिविधि दर्ज नहीं की गई है। लेकिन हालात कभी भी बदल सकते हैं और आतंकी अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं।

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