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मुझे भी मिला था पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदने का प्रस्ताव, मगर मैंने ठुकरा दिया: ममता का बड़ा दावा

कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर एक बेहद ही चौंकाने वाला दावा किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार कहा कि, उन्हें 3 साल पहले इजरायल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की सेवाएं लेने की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी थी। ममता ने दावा किया कि, 4-5 साल पहले 25 करोड़ रुपये में बंगाल सरकार को पेगासस खरीदने का ऑफर दिया था।
 
ममता बनर्जी ने बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विधानसभा में कहा, वे (एनएसओ ग्रुप, इजरायली साइबर इंटेलिजेंस कंपनी) 4-5 साल पहले हमारे पुलिस विभाग में अपनी मशीन (पेगासस स्पाइवेयर) बेचने आए थे और 25 करोड़ रुपये की मांग की थी। लेकिन मैंने इसे ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि, मौजूदा केंद्र सरकार भी इसके जरिए तमाम नेताओं, जजों, अधिकारियों, पत्रकारों, आदि के निजी जीवन में ताक-झांक कर रही है, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहती। मैं किसी की अभिव्यक्ति की आजादी पर बंदिश नहीं लगाना चाहती थी। जो स्वीकार्य नहीं है।
 
ममता ने कहा कि, मैं इस सॉफ्टवेयर के बारे में पहले से जानती थी। यह बेहद खतरनाक है। आंध्र प्रदेश (संयुक्त) में चंद्रबाबू नायडू जब मुख्यमंत्री थे, तब वहां इसकी सेवाएं ली गई थीं। केंद्र सरकार ने कई पत्रकारों, नेताओं के कॉल रिकॉर्ड किए हैं। पुलिसकर्मियों के कॉल रिकॉर्ड किए गए हैं। यह संगठित अपराध है। लोग आराम से अपने घर वालों से बात कर सकें और किसी तरह की बाधा ना हो मैंने इसका ख्याल रखा और इसीलिए इस सॉफ्टवेयर को नहीं खरीदा है।
 
बता दें कि, पिछले दिनों पेगासस जासूसी मामले ने तूल पकड़ था। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया था, जिससे पश्चिम बंगाल में फोन हैकिंग, ट्रैकिंग और फोन रिकॉर्डिंग के आरोपों की जांच करने की बात कही गई थी। हालांकि बाद में ममता बनर्जी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

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