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विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत का 142वां स्थान, सरकार ने रिसर्च पर उठाए सवाल

 नई दिल्ली

कश्मीर प्रेस क्लब को रद करने के बाद केंद्र सरकार ने संसद में वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत के 142वें स्थान को भी खारिज कर दिया है। यह रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय नॉन प्रॉफिट रिपोर्टर्स ने जारी की थी। कांग्रेस के मनीष तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, 'ये रैंकिंग गैर सरकारी संगठन द्वारा जारी की जाती है। सरकार इस रैंकिंग और विचार को स्वीकार नहीं करती है। संगठन ने जो स्थान दिया है वो भी सही नहीं है। ये उनकी अपनी राय है।' गृह मंत्रालय ने इस रैंकिंग को रिजेक्ट करने की वजह भी बताई। संसद में गृह राज्य मंत्री ने कहा, 'इसका सैंपल साइज भी बहुत छोटा था। इसके अलावा लोकतंत्र की आधारभूत बातों का भी ध्यान नहीं रखा गया। शोध का तरीका भी सवालों के घेरे में है और इसमें पारदर्शिता नहीं है।'

तिवारी ने सरकार ने सवाल किया था कि क्या केंद्र को पता है कि राज्य के विभाग ने प्रेस क्लब पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद नित्यानंद राय ने कहा कि कश्मीर प्रेस क्लब के नाम से कोई भी रजिस्टर्ड बॉडी नहीं है। उन्होंने कहा कि कश्मीर प्रेस क्लब का सोसाइटी रजिस्ट्रेशन ऐक्ट 1860 के तहत भी कहीं दर्ज नहीं है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा था कि कानूनी चुनौतियों को देखते हुए कश्मीर प्रेस क्लब को खत्म कर दिया गया था। वहां कई गुटों के लोग आते थे और उनमें विवाद होता था। इसलिए यह कदम उठाया गया। इसके बाद राज्य सरकार ने केपीसी पर कब्जा कर लिया। कई पत्रकारों ने इसकी बहुत आलोचना की। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इसकी आलोचना की थी।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की ओर से 2021 के लिए प्रेस फ्रीडम इडेक्स जारी किया गया था। इसमें भारत को 142वां स्थान दिया गया था। कहा गया था कि पत्राकोंर को  यहां पर काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस श्रेणी में भारत के अलावा ब्राजील, मैक्सिको और रूस को भी रखा गया था।

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